अध्याय 41
कलीसिया में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में इतने भारी संदेहों से मत भरो। कलीसिया के निर्माण के दौरान गलतियाँ होना अपरिहार्य है, लेकिन जब तुम्हारे सामने समस्याएँ आएँ, तो घबराओ मत; बल्कि शांत और स्थिर रहो। क्या मैंने तुम लोगों को पहले ही नहीं बता दिया है? अकसर मेरे सामने आओ और प्रार्थना करो, और मैं तुम्हें अपने इरादे स्पष्ट रूप से दिखाऊँगा। कलीसिया मेरा दिल है और यह मेरा अंतिम प्रयोजन है, इसलिए मैं कैसे इसे प्यार नहीं कर सकता? डरो मत—जब कलीसिया में इस तरह की चीज़ें होती हैं, तो वे मेरी अनुमति से होती हैं। खड़े होकर मेरी ओर से बोलो। विश्वास रखो कि सभी चीज़ों और मामलों को मेरे सिंहासन की अनुमति है और उनमें मेरे इरादे निहित हैं। यदि तुम अनियंत्रित तरीके से सहभागिता जारी रखोगे, तो समस्याएँ होंगी। क्या तुमने परिणामों के बारे में सोचा है? यह उसी तरह की चीज़ है, जिसका लाभ शैतान उठाएगा। मेरे पास अकसर आओ। मैं स्पष्ट रूप से बोलूँगा : यदि तुम मेरे समक्ष आए बिना कुछ करने जा रहे हो, तो यह न सोचना कि तुम उसे पूरा कर पाओगे। तुम्हीं लोगों ने मुझे इस स्थिति के लिए मजबूर किया है।
निराश न हो, कमजोर न बनो और मैं तुम्हारे सामने चीजें प्रकट कर दूँगा। राज्य की राह इतनी आसान नहीं है; कुछ भी इतना सरल नहीं है! तुम चाहते हो कि तुम्हें आशीष आसानी से मिल जाएँ, है ना? आज हर किसी को कठोर परीक्षणों का सामना करना होगा। बिना इन परीक्षणों के मुझे प्रेम करने वाला तुम लोगों का दिल और मजबूत नहीं होगा और तुम्हें मुझसे सच्चा प्रेम नहीं होगा। भले ही ये परीक्षण केवल मामूली परिस्थितियों से युक्त हों, तो भी सभी को इनसे गुजरना होगा; अंतर केवल इतना है कि परीक्षणों की तीव्रता अलग-अलग होगी। परीक्षण मेरी ओर से आशीष हैं और तुममें से कितने लोग अक्सर मेरे सामने घुटनों के बल झुकते हो और मेरे आशीष के लिए विनती करते हो? बेवकूफ बच्चे! तुम्हें हमेशा लगता है कि कुछ मांगलिक वचन ही मेरे आशीष होते हैं, किंतु तुम्हें यह नहीं लगता कि कड़वाहट मेरा आशीष है। जो लोग मेरी कड़वाहट में हिस्सा बँटाते हैं वे निश्चित रूप से मेरी मिठास में भी हिस्सा बँटाएँगे। यह मेरा वादा है और तुम लोगों को मेरा आशीष है। मेरे वचनों को खाने-पीने और उनका आनंद लेने में संकोच न करो। जब अँधेरा छँटता है, रोशनी हो जाती है। भोर होने से पहले अँधेरा सबसे घना होता है; उसके बाद धीरे-धीरे उजाला होता है, और तब सूर्य उदित होता है। डरपोक या कायर मत बनो। आज मैं अपने पुत्रों का समर्थन करता हूँ और उनके लिए अपनी शक्ति का उपयोग करता हूँ।
जब कलीसिया के काम की बात आती है, तो हमेशा अपने उत्तरदायित्व से मुँह मत मोड़ो। यदि तुम मामले को ईमानदारी से मेरे पास लाओगे, तो तुम्हें कोई राह मिल जाएगी। जब ऐसी कोई मामूली समस्या उत्पन्न होती है, तो क्या तुम डर जाते हो और घबरा जाते हो, और तुम्हें समझ नहीं आता कि क्या करूँ? मैंने कई बार कहा है, “अकसर मेरे पास आओ!” क्या तुम लोगों ने ईमानदारी से उन चीज़ों का अभ्यास किया है, जो मैं तुम्हें करने के लिए कहता हूँ? तुमने मेरे वचनों पर कितनी बार विचार किया है? अगर तुमने ऐसा नहीं किया है, तो तुम्हारे पास कोई स्पष्ट अंतर्दृष्टि नहीं है। क्या यह तुम्हारी अपनी करनी नहीं है? तुम दूसरों को दोष देते हो, लेकिन उसके बजाय तुम अपने आप से नफ़रत महसूस क्यों नहीं करते? तुम चीज़ें ख़राब कर देते हो और फिर लापरवाह और असावधान हो जाते हो; तुम्हें मेरे वचनों पर ध्यान देना चाहिए।
आज्ञाकारी और समर्पणशील व्यक्ति महान आशीष प्राप्त करेंगे। कलीसिया में मेरी गवाही में अडिग रहो और सत्य पर टिके रहो। सही सही है और गलत गलत है; काले और सफेद के बीच भ्रमित मत होओ; तुम्हें अवश्य ही शैतान के साथ युद्धरत रहना चाहिए और उसे पूरी तरह से हराना चाहिए ताकि वह फिर कभी न उभरे। मेरी गवाही की रक्षा के लिए तुम्हें अपना सब-कुछ देना होगा। यह तुम लोगों के क्रियाकलापों का लक्ष्य होगा—इसे मत भूलना। लेकिन अभी तुम लोगों में आस्था और विवेकशीलता की कमी है और तुम मेरे वचनों और इरादों को कभी भी अच्छी तरह नहीं समझ पाते हो। फिर भी, उतावले मत बनो; हर चीज़ मेरे चरणों के अनुसार आगे बढ़ती है और उतावला होने से केवल परेशानी पैदा होती है। मेरे समक्ष अधिक समय बिताओ, अपने शरीर के खानपान और पहनावे को महत्व मत दो और अक्सर मेरे इरादे खोजो। मैं तुम्हें अपने इरादे प्रकट करूँगा और धीरे-धीरे तुम हर चीज में उन्हें पा लोगे जिससे मेरे पास हर मनुष्य में निर्बाध रूप से कार्य करने का एक मार्ग होगा और मेरा दिल संतुष्ट होगा। तब तुम लोग हमेशा के लिए मुझसे आशीष प्राप्त करोगे!