55  इंसान फिर से पाता है वो पवित्रता जो उसमें पहले कभी थी

आसमानी बिजली उजागर करे जानवरों का असली रूप।

इंसान ने फिर से पवित्रता पा ली है ईश्वर के प्रकाश से।

पुरानी भ्रष्ट दुनिया दूषित जल में जा गिरी, कीचड़ में मिल गयी।


1

जी उठा इंसान फिर से प्रकाश में,

पा लिया उसने जीवन-स्रोत, मुक्त हुआ कीचड़ से।

हर चीज़ नई हो गयी ईश-वचनों से,

कर रही अपना काम ईश्वर के प्रकाश में।

अब, धरती स्थिर और शांत नहीं, स्वर्ग, खाली और दुखी नहीं।

उनके बीच अब कोई दूरी नहीं, जुड़े हैं एक-दूजे से, सदा के लिए।


2

इस ख़ुशी के मौके पर, इस उमंग के पल में उसकी धार्मिकता,

और पवित्रता भरती कायनात को, इंसान उन्हें सदा सराहता।

स्वर्ग के शहर आनंद से हँसते। धरती के राज्य भी नृत्य करते।

कौन है जो इस पल नहीं रो रहा? कौन है जो हरपल आनंदित नहीं हो रहा?


धरती का आदि स्वरूप स्वर्ग का है, और स्वर्ग धरती से जुड़ा है।

इन्हें जोड़ने वाला तार इंसान है।

इंसान के नवीकरण और पवित्रता की वजह से,

स्वर्ग अब छिपा नहीं, धरती ख़ामोश नहीं स्वर्ग के प्रति।

मुस्कुराए संतोष से इंसान, उसे दिल में होता अपार मधुरता का एहसास।

सुकून से सब रहते, ईश-दिवस पर न कोई उसे शर्मिंदा करे।


3

इंसान ईश्वर को श्रद्धा से देखे। वह मन-ही-मन उसे ज़ोर से पुकारे।

इंसान के हर काम की जाँच करे ईश्वर।

शुद्ध इंसान उसकी अवज्ञा, आलोचना न करे।

ईश्वर का स्वभाव साथ है इंसान के।

सभी उसको प्रेम करते, खिंचते उसकी ओर।

वो डटा रहता इंसान की आत्मा में।

उसका उत्कर्ष होता, बहता इंसान की नसों में।


लोगों के दिलों का उल्लास भर दे पूरी धरती को।

ताज़ा हवा है, धरती पर कहीं धुंध नहीं, चमके सूरज अब शान से।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 18 से रूपांतरित

पिछला:  54  परमेश्वर के सभी लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं

अगला:  57  विजेताओं का गीत

संबंधित सामग्री

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger