226  लोगों को परमेश्वर का भय मानने वाले हृदय के साथ उस पर विश्वास करना चाहिए

1

अगर लोगों के पास न हो श्रद्धा भरा दिल,

न हो एक आज्ञाकारी दिल,

तो वे ईश्वर का विरोध कर उसके काम में बाधा डालेंगे।

वे काम न कर सकेंगे ईश्वर के लिए, ईश्वर के लिए।


जब तुम सच में ईश्वर पर विश्वास करते,

तुम सदा रखते उसे अपने दिल में,

दिल जो ईश्वर से प्रेम करे, उसपे श्रद्धा रखे।

ईश-विश्वासी बनना चाहिए लोगों को ईश्वर-भीरु दिल से।


2

विश्वास करने वालों को सावधान रहना चाहिए।

उनका हर काम हो ऐसा, जो दे ईश्वर को संतुष्टि।

वे न हों ज़िद्दी, न अपनी मर्ज़ी चलानी चाहिए उन्हें।

ये संतों की शिष्टता के अनुकूल नहीं, अनुकूल नहीं।


जब तुम सच में ईश्वर पर विश्वास करते,

तुम सदा रखते उसे अपने दिल में,

दिल जो ईश्वर से प्रेम करे, उसपे श्रद्धा रखे।

ईश-विश्वासी बनना चाहिए

लोगों को ईश्वर-भीरु दिल से।


3

अगर लोग ईश्वर में विश्वास करके भी

उसकी आज्ञा, उसका भय न मानें,

बल्कि उसका विरोध करें,

तो ये एक विश्वासी के लिए सबसे बड़ा कलंक है।

उन्हें छल-प्रपंच में लिप्त, अपनी अकड़ में

ईश्वर का ध्वज लहराते

उन्मत्त होकर नहीं दौड़ना चाहिए।

यह सबसे विद्रोही किस्म का आचरण है।


परिवार अपने नियम से रहते हैं,

देश अपने कानून से चलते हैं,

ईश्वर का घर तो और भी अपने नियम से चले।

यहाँ मानक अधिक सख्त हैं, मानने को आदेश हैं।


भले ही लोग आज़ाद हैं, जो चाहें सो करें,

पर इच्छानुसार ईश-आदेश न बदल सकें।

ईश्वर अपमान न सहे, वो लोगों को मृत्यु दे।

क्या लोग नहीं जानते ये सब, ये सब?


जब तुम सच में ईश्वर पर विश्वास करते,

तुम सदा रखते उसे अपने दिल में,

दिल जो ईश्वर से प्रेम करे, उसपे श्रद्धा रखे।

ईश-विश्वासी बनना चाहिए

लोगों को ईश्वर-भीरु दिल से।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जो सत्य का अभ्यास नहीं करते हैं उनके लिए एक चेतावनी से रूपांतरित

पिछला:  225  जब पवित्र आत्मा मनुष्य पर कार्य करता है

अगला:  227  जो भी सत्य का अभ्यास नहीं करता वो हटा दिया जाएगा

संबंधित सामग्री

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger