585 अधिक बोझ उठाओ ताकि परमेश्वर द्वारा अधिक आसानी से पूर्ण किये जा सको
1 परमेश्वर के इरादों के प्रति तुम जितने अधिक विचारशील रहोगे, तुम्हारा बोझ उतना अधिक होगा और तुम जितना ज्यादा बोझ वहन करोगे, तुम्हारा अनुभव भी उतना ही ज्यादा समृद्ध होगा। जब तुम परमेश्वर के इरादों के प्रति विचारशील रहोगे, तो परमेश्वर तुम पर एक बोझ डाल देगा, और उसने तुम्हें जो काम सौंपें हैं, उनके बारे में वह तुम्हें प्रबुद्ध करेगा। जब परमेश्वर द्वारा तुम्हें यह बोझ दिया जाएगा, तो तुम परमेश्वर के वचनों को खाते और पीते समय सभी संबंधित सत्य पर ध्यान दोगे।
2 यदि तुम्हारे ऊपर भाई-बहनों के जीवन की मनोदशा से जुड़ा कोई बोझ है तो यह बोझ है जो परमेश्वर द्वारा तुम्हें सौंपा गया है, और तुम प्रतिदिन की प्रार्थना में इस बोझ को हमेशा अपने साथ रखोगे। परमेश्वर जो करता है वही तुम पर डाल दिया गया है, और तुम वो करने के लिए तैयार हो जिसे परमेश्वर करना चाहता है; परमेश्वर के बोझ को अपना बोझ समझने का यही अर्थ है।
3 बोझ उठाने के दौरान जब तुम परमेश्वर के वचनों को खाते और पीते हो, तो तुम परमेश्वर के वचनों का सार समझ सकते हो, अपना मार्ग खोज सकते हो, और परमेश्वर के इरादों के प्रति विचारशील रह सकते हो। तुम्हें परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह तुम पर और अधिक बोझ डाले और तुम्हें और भी बड़े काम सौंपे, ताकि तुम्हारे आगे अभ्यास करने के लिए और अधिक मार्ग हों, ताकि तुम्हारे परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने का और ज्यादा प्रभाव हो; ताकि तुम उसके वचनों के सार को प्राप्त करने में सक्षम हो जाओ; और तुम पवित्र आत्मा द्वारा प्रेरित किए जाने के लिए और भी सक्षम हो जाओ। परमेश्वर के वचनों को खाना और पीना, प्रार्थना का अभ्यास करना, परमेश्वर के बोझ को स्वीकार करना, और उसे स्वीकार करना जो उसने तुम्हें सौंपा है—यह सब इसलिए है कि तुम्हारे सामने एक मार्ग हो। परमेश्वर के आदेश के प्रति तुम्हारा बोझ जितना अधिक होगा, तुम्हारे लिए उसके द्वारा पूर्ण बनाया जाना उतना ही आसान होगा।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पूर्णता प्राप्त करने के लिए परमेश्वर के इरादों के प्रति विचारशील रहो