610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1

जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,

क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।

न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।

वे आए थे आत्मिक जगत से,

जिसे कोई देख नहीं सकता, न जिससे गुज़र सकता है।


जब परमेश्वर देहधारी हुआ, इंसानी ज़ुबान में वो बोला,

इंसान जो देखता, कल्पना करता उसके ज़रिये,

उसे समझ आए ऐसी भाषाओं, तरीकों के ज़रिये,

ईश्वर ने अपनी दिव्य इच्छा और स्वभाव को दिखाया।

तब इंसान जान पाया परमेश्वर को, समझा उसके मानकों-इरादों को।

यह था मानवता में काम करने का परमेश्वर का सिद्धान्त व तरीका।


2

जब काम किया ईश्वर ने मानवता में, उसने व्यक्त किए कई सत्य,

काम की कई विधियाँ, इंसानी तरीके से।

उसका स्वभाव, इच्छा और जो है उसके पास,

सब व्यक्त किए गए ताकि इंसान उन्हें जाने।

जाना उसने परमेश्वर का सार और स्वरूप,

जो स्वयं परमेश्वर की मूल पहचान और पद को दर्शाए।


जब परमेश्वर देहधारी हुआ, इंसानी ज़ुबान में वो बोला,

इंसान जो देखता, कल्पना करता उसके ज़रिये,

उसे समझ आए ऐसी भाषाओं, तरीकों के ज़रिये,

ईश्वर ने अपनी दिव्य इच्छा और स्वभाव को दिखाया।

तब इंसान जान पाया परमेश्वर को, समझा उसके मानकों-इरादों को।

यह था मानवता में काम करने का परमेश्वर का सिद्धान्त व तरीका।


मानव-पुत्र ने देह में साफ़ तौर पर परमेश्वर के स्वभाव, सार को व्यक्त किया।

उसकी मानवता इंसान और ईश्वर के बीच न थी बाधा,

बल्कि था इकलौता तरीका जिससे इंसान ईश्वर से जुड़ पाता।


जब परमेश्वर देहधारी हुआ, इंसानी ज़ुबान में वो बोला,

इंसान जो देखता, कल्पना करता उसके ज़रिये,

उसे समझ आए ऐसी भाषाओं, तरीकों के ज़रिये,

ईश्वर ने अपनी दिव्य इच्छा और स्वभाव को दिखाया।

तब इंसान जान पाया परमेश्वर को, समझा उसके मानकों और इरादों को।

यह था मानवता में काम करने का परमेश्वर का सिद्धान्त व तरीका।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III से रूपांतरित

पिछला:  609  देहधारी मानव पुत्र स्वयं परमेश्वर है

अगला:  611  परमेश्वर मनुष्य को किस तरह देखता है

संबंधित सामग्री

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger