सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्य को बचाने का कार्य भी है

सभी लोगों को पृथ्वी पर मेरे कार्य के उद्देश्यों को समझने की आवश्यकता है, अर्थात् मैं अंततः क्या प्राप्त करना कहता हूँ, और इस कार्य को पूरा करने से पहले मुझे इसमें कौन-सा स्तर प्राप्त कर लेना चाहिए। यदि आज तक मेरे साथ चलते रहने के बाद भी लोग यह नहीं समझते कि मेरा कार्य क्या है, तो क्या वे मेरे साथ व्यर्थ में नहीं चले? यदि लोग मेरा अनुसरण करते हैं, तो उन्हें मेरे इरादे जानने चाहिए। मैं पृथ्वी पर हज़ारों सालों से कार्य कर रहा हूँ और आज भी मैं अपना कार्य इसी तरह से जारी रखे हुए हूँ। यद्यपि मेरे कार्य में कई परियोजनाएँ शामिल हैं, किंतु इसका उद्देश्य अपरिवर्तित है; यद्यपि, उदाहरण के लिए, मैं मनुष्य के प्रति न्याय और ताड़ना से भरा हुआ हूँ, फिर भी मैं जो करता हूँ, वह उसे बचाने के वास्ते, और अपने सुसमाचार को बेहतर ढंग से फैलाने और मनुष्य को पूर्ण बना दिए जाने पर अन्यजाति देशों के बीच अपने कार्य को आगे बढ़ाने के वास्ते है। इसलिए आज, एक ऐसे वक्त, जब कई लोग लंबे समय से निराशा में गहरे डूब चुके हैं, मैं अभी भी अपना कार्य जारी रखे हुए हूँ, मैं वह कार्य जारी रखे हुए हूँ जो मनुष्य को न्याय और ताड़ना देने के लिए मुझे करना चाहिए। इस तथ्य के बावजूद कि जो कुछ मैं कहता हूँ, मनुष्य उससे उकता गया है और मेरे कार्य से जुड़ने की उसकी कोई इच्छा नहीं है, मैं फिर भी अपना कर्तव्य कर रहा हूँ, क्योंकि मेरे कार्य का उद्देश्य अपरिवर्तित है और मेरी मूल योजना भंग नहीं होगी। मेरे न्याय का उद्देश्य मनुष्य को मेरे प्रति बेहतर ढंग से समर्पण करने में सक्षम बनाना है, और मेरी ताड़ना का उद्देश्य मनुष्य को अधिक प्रभावी ढंग से बदलाव हासिल करने में सक्षम बनाना है। यद्यपि मैं जो कुछ भी करता हूँ, वह मेरे प्रबंधन के वास्ते है, फिर भी मैंने कभी ऐसा कोई कार्य नहीं किया है, जो मनुष्य के लाभ के लिए न हो, क्योंकि मैं इस्राएल से बाहर के सभी देशों को इस्राएलियों के समान ही आज्ञाकारी बनाना चाहता हूँ, उन्हें वास्तविक मनुष्य बनाना चाहता हूँ, ताकि इस्राएल के बाहर के देशों में मेरे लिए पैर रखने की जगह हो सके। यही मेरा प्रबंधन है; यही मेरा अन्य-जाति राष्ट्रों के बीच कार्य है। अभी भी बहुत-से लोग मेरे प्रबंधन को नहीं समझते, क्योंकि उन्हें ऐसी चीज़ों की परवाह नहीं है और इसके बजाय वे अपने स्वयं के भविष्य और मंजिल की ही परवाह करते हैं। मैं चाहे कुछ भी कहता रहूँ, लोग उस कार्य के प्रति उदासीन रहते हैं जो मैं करता हूँ, इसके बजाय वे पूरे दिल से अपनी भविष्य की मंजिलों पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। अगर चीजें इसी तरह से चलती रहीं, तो मेरा कार्य कैसे फैल सकता है? मेरा सुसमाचार का पूरे संसार में कैसे प्रचार किया जा सकता है? तुम लोगों को जानना चाहिए कि जब मेरा कार्य फैलेगा, तो मैं तुम लोगों को तितर-बितर कर दूँगा और उसी तरह मारूँगा, जैसे यहोवा ने इस्राएल के प्रत्येक कबीले को मारा था। यह सब इसलिए किया जाएगा, ताकि मेरा सुसमाचार सारी पृथ्वी पर फैल सके और अन्य-जाति राष्ट्रों तक मेरा कार्य फैल सके, इस तरह मेरे नाम का सम्मान वयस्कों और बच्चों में समान रूप से किया जाना संभव हो सके और मेरे पवित्र नाम का सभी जातियों और राष्ट्रों के लोगों के मुँह से गुणगान हो। इस अंतिम युग में मेरा नाम अन्य-जाति राष्ट्रों के बीच बड़ाई पा सके, मेरे कर्म अन्य-जाति राष्ट्रों के लोगों द्वारा देखे जा सकें, उन्हें मेरे कर्मों के आधार पर मुझे सर्वशक्तिमान कहने दिया जाए और मेरे वचन शीघ्र ही साकार हो सकें। मैं सभी लोगों को ज्ञात करवाऊँगा कि मैं केवल इस्राएलियों का ही परमेश्वर नहीं हूँ, बल्कि समस्त अन्य-जाति राष्ट्रों के लोगों का भी परमेश्वर हूँ, यहाँ तक कि उन राष्ट्रों का भी परमेश्वर हूँ जिन्हें मैंने शाप दिया है। मैं सभी लोगों को यह दिखवाऊँगा कि मैं सभी सृजित प्राणियों का परमेश्वर हूँ। यह मेरा सबसे बड़ा कार्य है, अंत के दिनों के लिए मेरी कार्य-योजना का उद्देश्य है और यह एकमात्र कार्य है, जिसे अंत के दिनों में पूरा करने की इच्छा है।

यह केवल अंत के दिनों के दौरान है कि जिस कार्य का मैं हज़ारों सालों से प्रबंधन करता आ रहा हूँ, वह मनुष्य के सामने पूर्णतः प्रकट कर दिया गया है। केवल अब मैंने अपने प्रबंधन का पूरा रहस्य मनुष्य पर प्रकट किया है, और मनुष्य ने मेरे कार्य का उद्देश्य जान लिया है, और इसके अतिरिक्त, उसने मेरे सभी रहस्यों को समझ लिया है। मैंने मनुष्य को पहले ही उस मंज़िल के बारे में सब-कुछ बता दिया है, जिसके बारे में वह चिंतित रहता है। मैंने पहले ही मनुष्य पर अपने सारे रहस्य उजागर कर दिए हैं, जो लगभग 5,900 सालों से अधिक समय से गुप्त थे। यहोवा कौन है? मसीहा कौन है? यीशु कौन है? तुम लोगों को यह सब ज्ञात होना चाहिए। मेरा कार्य इन्हीं नामों पर निर्भर करता है। क्या तुम लोग इसे समझ गए हो? मेरा पवित्र नाम कैसे घोषित किया जाना चाहिए? मेरा नाम किसी ऐसे देश में कैसे फैलाया जाना चाहिए, जिसने मुझे मेरे किसी भी नाम से पुकारा हो? मेरा कार्य फैल रहा है, और मैं उसकी परिपूर्णता को किसी भी देश में और सभी देशों में फैलाऊँगा। चूँकि मेरा कार्य तुम लोगों में किया गया है, इसलिए मैं तुम लोगों को वैसे ही मारूँगा, जैसे यहोवा ने इस्राएल में दाऊद के घर के चरवाहों को मारा था, जिससे तुम हर देश में बिखर जाओ। क्योंकि अंत के दिनों में मैं सभी देशों को चूर-चूर कर दूँगा, जिससे उनके लोग नए सिरे से बँट जाएँगे। जब मैं पुनः वापस आऊँगा, सारे देश पहले ही मेरी जलती हुई आग द्वारा निर्धारित सीमाओं में विभाजित हो चुके होंगे। उस समय मैं मानवजाति के सामने नए सिरे से एक झुलसा देने वाले सूरज के समान प्रकट होऊँगा और मैं खुद को खुलेआम उन्हें उस पवित्र की छवि में दिखाऊँगा जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है, और मैं असंख्य देशों के बीच चलूँगा, ठीक वैसे ही, जैसे मैं, यहोवा, कभी विभिन्न यहूदी कबीलों के बीच चला था। उसके बाद से मैं पृथ्वी पर मानवजाति के जीवन में उसकी अगुआई करूँगा और वे निश्चित रूप से देखेंगे कि मेरी महिमा उनके ऊपर है और हवा में बादलों का एक खंभा उनके जीवन में उनकी अगुआई कर रहा है, क्योंकि मैं अपना प्रकटन पवित्र स्थानों में करूँगा। मनुष्य मेरी धार्मिकता का दिन देखेगा और मेरी महिमा का प्रकटन भी देखेगा। यही वह समय होगा जब मैं पूरी पृथ्वी पर राजा के रूप में शासन करूँगा और अपने बहुत सारे पुत्रों को महिमा में लाऊँगा। पूरी पृथ्वी पर मनुष्य दंडवत करेंगे। और मनुष्यों के बीच मेरा डेरा दृढ़ता से खड़ा होगा और वह आज के मेरे कार्य की चट्टान पर बनाया जाएगा। सारे लोग मंदिर में भी मेरी सेवा करेंगे। मैं गंदी और घृणित चीजों से ढकी हुई वेदी को चूर-चूर कर दूँगा और नए सिरे से बनाऊँगा। उस पवित्र वेदी पर नवजात मेमनों और बछड़ों का चट्टा लग जाएगा। मैं आज के मंदिर को ढहा दूँगा और निश्चित रूप से एक नया मंदिर बनाऊँगा। घृणित लोगों से भरा हुआ जो मंदिर अभी खड़ा है वह ढह जाएगा और जो मंदिर मैं बनाऊँगा, वह मेरे प्रति वफादार सेवकों से भरा होगा। मेरे मंदिर की महिमा के वास्ते वे एक बार फिर से उठ खड़े होंगे और मेरी सेवा करेंगे। तुम लोग वह दिन निश्चित रूप से देखोगे, जब मैं बहुत बड़ी महिमा प्राप्त करूँगा और वह दिन भी देखोगे जब मैं मंदिर ढहाऊँगा और एक नया मंदिर बनाऊँगा। तुम लोग मनुष्यों के बीच मेरे डेरे के आने का दिन भी अवश्य देखोगे। ठीक उसी तरीके से जैसे मैं मंदिर को चकनाचूर करूँगा, वैसे ही मैं अपने तंबू को मनुष्यों के बीच ले आऊँगा, ठीक वैसे ही वे मेरे अवतरण को देखेंगे। प्रत्येक देश को चकनाचूर करने के बाद मैं उन्हें नए सिरे से एक-साथ इकट्ठा करूँगा और फिर अपना मंदिर बनाऊँगा और अपनी वेदी स्थापित करूँगा ताकि सभी लोग मुझे बलि अर्पित कर सकें, मेरे मंदिर में मेरी सेवा करें, और अन्यजाति राष्ट्रों में मेरे कार्य के प्रति अपनी निष्ठा अर्पित करें। वे आज के इस्राएलियों जैसे होंगे, जो याजकों के लबादों और चमकते मुकुटों से सजे होंगे और उनके बीच मुझ यहोवा की महिमा होगी, और मेरा प्रताप उनके ऊपर आसमानों में उपस्थित होगा। अन्यजाति राष्ट्रों में भी मेरा कार्य ऐसा ही होगा। जैसा मेरा कार्य इस्राएल में था, वैसा ही मेरा कार्य अन्यजाति राष्ट्रों में भी होगा, क्योंकि मैं इस्राएल में अपने कार्य का प्रसार करूँगा और इसे अन्यजाति राष्ट्रों में फैलाऊँगा।

अब वह समय है जब मेरा आत्मा महान कार्य करता है और वह समय है जब मैं अन्य-जाति राष्ट्रों के बीच अपना कार्य शुरू करता हूँ। इससे भी बढ़कर यह वह समय है जब मैं सभी सृजित प्राणियों को वर्गीकृत करता हूँ, हर एक को उसकी संबंधित श्रेणी में रखता हूँ ताकि मेरा कार्य और अधिक तेजी से आगे बढ़ सके और नतीजे हासिल करने में अधिक सक्षम हो। और इसलिए मैं तुमसे अभी भी यही माँग करता हूँ कि तुम अपने पूरे अस्तित्व को मेरे संपूर्ण कार्य के लिए अर्पित कर दो; और इससे भी अधिक तुम मेरे द्वारा तुम में किए गए संपूर्ण कार्य का स्पष्ट रूप से भेद पहचान लो और इसे सटीकता से देख लो और मेरे कार्य में अपना समस्त प्रयास खपा दो ताकि यह और अधिक नतीजे हासिल कर सके। यही चीज तुम्हें समझ लेनी चाहिए। आपस में मत लड़ो, बाहर निकलने का रास्ता मत तलाशो या अपनी देह के लिए आराम मत तलाशो, ताकि मेरे कार्य में विलंब न हो और तुम्हारे अद्भुत भविष्य में विलंब न हो। वरना ऐसा करने से तुम्हें सुरक्षा मिलनी तो दूर रही, तुम खुद पर केवल बरबादी ले आओगे। क्या यह तुम्हारी मूर्खता नहीं होगी? जिसका तुम आज ललचाते हुए आनंद उठाते हो वही चीज तुम्हारे भविष्य को बरबाद कर रही है, जबकि आज तुम जो पीड़ा सहते हो वही चीज तुम्हारी सुरक्षा कर रही है। तुम्हें इन चीजों का स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए ताकि तुम उन प्रलोभनों का शिकार बनाने से बच सको जिनसे बाहर निकलने में तुम्हें बहुत मुश्किल होगी और ताकि तुम घने कोहरे में गलती से घुसने और सूर्य को न खोज पाने से बच सको। जब घना कोहरा छँटेगा, तुम अपने आपको महान दिन के न्याय के मध्य पाओगे। उस समय तक मेरा दिन मानवजाति के करीब आ रहा होगा। तुम मेरे न्याय से कैसे बच निकलोगे? तुम सूर्य की झुलसा देने वाली गर्मी को कैसे सह पाओगे? जब मैं मनुष्य को अपनी विपुलता प्रदान करता हूँ, तो वह उसे छाती से नहीं लगाता, बल्कि उसे ऐसी जगह पर फेंक देता है, जहाँ उस पर कोई ध्यान नहीं देता। जब मेरा दिन मनुष्य पर उतरेगा, तो वह मेरी विपुलता को खोज पाने या सत्य के उन कड़वे वचनों का पता लगा पाने में समर्थ नहीं होगा, जो मैंने उसे बहुत पहले बोले थे। वह बिलखेगा और रोएगा, क्योंकि उसने प्रकाश की चमक खो दी है और अंधकार में गिर गया है। आज तुम लोग जो देखते हो वह मात्र मेरे मुँह की तीखी तलवार है; तुमने मेरे हाथ में छड़ी या उस ज्वाला को नहीं देखा है जिससे मैं मनुष्य को जलाता हूँ। इसीलिए तुम लोग अभी भी मेरी उपस्थिति में अभिमानी और असंयमी हो और इसीलिए तुम लोग उस बात पर अपनी इंसानी जबान से विवाद करते हुए जो मैंने तुम लोगों से कही थी, अभी भी मेरे घर में मुझसे लड़ते हो। मनुष्य मुझसे नहीं डरता और यद्यपि आज भी उसने मेरे साथ शत्रुता कायम रखी है, वह पूरी तरह निडर है। तुम लोगों के मुँह में अधर्मी जिह्वा और दाँत हैं। तुम लोगों के वचन और कार्य उस साँप के समान हैं, जिसने हव्वा को पाप करने के लिए बहकाया था। तुम एक-दूसरे से आँख के बदले आँख और दाँत के बदले दाँत की माँग करते हो, और तुम अपने लिए पद, प्रतिष्ठा और लाभ झपटने के लिए मेरी उपस्थिति में संघर्ष करते हो, लेकिन तुम लोग नहीं जानते कि मैं गुप्त रूप से तुम लोगों के वचनों एवं कर्मों को देख रहा हूँ। इससे पहले कि तुम लोग मेरी निगाह में प्रवेश तक करो, मैंने तुम लोगों के हृदयों की गहराइयों की थाह ले ली है। मनुष्य हमेशा मेरे हाथ की पकड़ से बच निकलना और मेरी आँखों की जाँच-पड़ताल से बचना चाहता है, किंतु मैं कभी उसके कथनों या कर्मों से कतराया नहीं हूँ। इसके बजाय, मैं उद्देश्यपूर्वक उन कथनों और कर्मों को अपनी नजरों में प्रवेश करने देता हूँ, ताकि मैं मनुष्य की अधार्मिकता को ताड़ना दे सकूँ और उनके विद्रोहीपन का न्याय कर सकूँ। इस प्रकार, मनुष्य के गुप्त कथन और कर्म हमेशा मेरे न्याय के आसन के सामने रहते हैं, और मेरे न्याय ने मनुष्य को कभी नहीं छोड़ा है, क्योंकि उसका विद्रोहीपन बहुत ज़्यादा है। मेरा कार्य मनुष्य के उन सभी वचनों और कर्मों को जलाकर शुद्ध करना है, जो मेरे आत्मा की उपस्थिति में कहे और किए गए थे। इस तरह से,[क] जब मैं पृथ्वी से चला जाऊँगा, तब भी लोग मेरे प्रति वफादारी बनाए रखेंगे और वे तब भी मेरे कार्य के प्रति वैसे ही पेश आएँगे जैसे मेरे पवित्र सेवक मेरी सेवा करने में पेश आते हैं और वे पृथ्वी पर मेरे कार्य को उस दिन तक जारी रहने देंगे जब तक वह पूरा न हो जाए।

फुटनोट :

क. मूल पाठ में, “इस तरह से” यह वाक्यांश नहीं है।

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