6. एक घमासान आध्यात्मिक संघर्ष

ली जिंग, चीन

मैं 1993 में ईसाई बनी और उसके बाद पादरी ल्यू से मिली। बाहर से वह दयालु लगती थी और मजाकिया अंदाज में बात करती थी। उसे बाइबल का बहुत सारा ज्ञान और व्यापक अनुभव था। वह अध्ययन करने के लिए अक्सर विभिन्न जगहों पर भी जाती थी और बहुत सारी कलीसियाओं में प्रचार करती थी। वह स्नेही भी थी और विश्वासियों को चाहे जो भी मुश्किलें आतीं, वह हमेशा धैर्यपूर्वक उनकी मदद करती थी। अधिकतर विश्वासी उसका आदर करते थे। मैं भी सचमुच उसकी प्रशंसा और आदर करती थी। मुझे लगा कि वह प्रभु की सच्ची विश्वासी थी। पादरी ल्यू सचमुच मुझे महत्व देती थी और उसने मुझे भजन मंडली का प्रभारी बना दिया। जब वह अध्ययन के लिए कहीं और जाती थी तो कलीसिया का प्रभार मुझ पर छोड़ देती थी।

मार्च 1999 में मेरे एक दूर के रिश्तेदार दो भाइयों को साथ लेकर लाए और मुझे परमेश्वर का अंत के दिनों का सुसमाचार सुनाया। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं कुछ और भाई-बहनों को साथ लाऊँ जो सचमुच प्रभु में विश्वास करते हैं, ताकि वे सब मिलकर इसे सुन सकें। सबसे पहले मैंने पादरी ल्यू के बारे में सोचा, इसलिए उसे यह सुनने के लिए बुलाया। अप्रत्याशित रूप से उसने कहा कि अंत के दिनों में लोगों को गुमराह करने के लिए झूठे मसीह प्रकट होंगे। उसने मुझसे कहा कि मैं न सुनूँ और उन दो भाइयों को भगा दूँ। मैंने देखा कि दोनों भाई गरिमायुक्त और सौम्य थे और उन्होंने बाइबल के अनुसार संगति की थी, इसलिए मैंने पादरी ल्यू की बात नहीं सुनी। उसे बताए बिना मैं कुछ सहकर्मियों को भी साथ ले आई ताकि वे उनका प्रचार सुन सकें। उन दो भाइयों ने हमारे साथ इस बारे में संगति की कि कलीसिया के उजाड़ होने का मूल कारण क्या है, परमेश्वर के कार्य के तीन चरण क्या हैं, सच्चे मसीह और झूठे मसीहों में अंतर कैसे करें और कैसे अंत के दिनों में परमेश्वर लोगों को शुद्ध करने के लिए अपना न्याय का कार्य करता है। हम जितना अधिक सुनते गए, उतना ही और सुनना चाहते थे। हमारी आत्माओं ने विशेष रूप से पोषित महसूस किया। हमने सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए वचन पढ़े और यह तय किया कि वे वास्तव में परमेश्वर के वचन हैं। इन वचनों में अधिकार और सामर्थ्य निहित है और ये परमेश्वर की वाणी हैं। कोई भी व्यक्ति ऐसे वचन नहीं बोल सकता। जाँच के माध्यम से हमने यह सुनिश्चित कर लिया कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटा हुआ प्रभु यीशु है। हम सब बहुत उत्साहित थे। हमने कभी उम्मीद नहीं की थी कि जिस प्रभु यीशु का हम इतने सालों से इंतजार कर रहे थे, वह सचमुच लौट आया है। हम सचमुच कितने धन्य हैं! मैंने मन ही मन सोचा, “पादरी ल्यू सचमुच प्रभु में विश्वास करती है। वह प्रभु के लिए चीजें त्याग और खुद को खपा सकती है और वह बाइबल को भी समझती है। पिछली बार उसने इसलिए नहीं सुना क्योंकि उसे गुमराह होने की चिंता थी। एक बार जब उन्हें पता चल जाएगा कि प्रभु यीशु लौट आया है तो वह निश्चित रूप से इसे स्वीकार कर लेगी।” इसलिए मैं खुशी और आनंद से सराबोर होकर पादरी को परमेश्वर का अंत के दिनों का सुसमाचार सुनाने के लिए उन दो भाइयों को साथ ले गई। मैंने कहा, “पादरी ल्यू, प्रभु यीशु सचमुच लौट आया है और वह परमेश्वर के घर से शुरुआत कर अब न्याय का कार्य कर रहा है। क्या आप झूठे मसीहों से गुमराह होने को लेकर चिंतित नहीं हैं? ये दो भाई बहुत स्पष्ट रूप से इस बारे में संगति करते हैं कि सच्चे मसीह और झूठे मसीहों में अंतर कैसे करें। आपको उन्हें सुनना चाहिए!” उसने अनिच्छा से हमारा स्वागत किया। उन दो भाइयों ने उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़कर सुनाए और सच्चे मसीह और झूठे मसीहों के बीच भेद पहचानने के सत्य के बारे में संगति की। अचानक वह अधीर होकर बोली, “बात करना बंद करो! अगर मैं इसे समझ भी गई तो भी इसे स्वीकार नहीं करूँगी! भले ही यह सच्चा मार्ग हो, मैं इसे स्वीकार नहीं करूँगी! तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारा प्रचार सुनूँ? मैं इतने सालों से कलीसिया में काम कर रही हूँ और प्रचार कर रही हूँ। मैं सभाओं और अध्ययन के लिए भी हर जगह गई हूँ। हर साल मैं आगे के अध्ययन के लिए कई महीनों तक सेमिनरी जाती हूँ। क्या तुम कह रहे हो कि यह सब व्यर्थ था?” उसने अपनी उंगलियों पर गिनते हुए आगे कहा, “मैं छह कलीसियाओं की प्रभारी हूँ। इन सारे विश्वासियों की चरवाही मैंने की है। यह कलीसिया मुझसे वहाँ जाकर प्रार्थना करने के लिए कहती है। वह कलीसिया मुझसे वहाँ जाकर प्रचार करने के लिए कहती है। मैं तुम्हारा प्रचार बिल्कुल नहीं सुनूँगी। मुझे अपने विश्वासियों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। मुझे अपनी भेड़ों की रक्षा करनी चाहिए!” घूरती नजरों से उसने मेरी ओर इशारा किया और सख्ती से कहा, “मैंने तुमसे कहा था कि मत सुनो, लेकिन तुमने मेरी बात नहीं मानी। तुम गुमराह हो चुकी हो और अब तुम चाहती हो कि मैं भी तुम्हारे साथ गुमराह हो जाऊँ? क्या तुम्हें लगता है कि ऐसा होने वाला है? क्या तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारी जितनी भ्रमित हूँ? तुम बाइबल को नहीं समझती हो। मैं तुम्हें सलाह देती हूँ, जल्दी से वापस लौट आओ!” एक भाई ने कहा, “हम सब प्रभु में विश्वास करते हैं और प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं। अब सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटा हुआ प्रभु यीशु है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहता है : ‘यीशु की वापसी उन लोगों के लिए एक महान उद्धार है, जो सत्य को स्वीकार करने में सक्षम हैं, पर उनके लिए जो सत्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं, यह दंडाज्ञा का संकेत है। तुम लोगों को अपना स्वयं का रास्ता चुनना चाहिए, और पवित्र आत्मा के खिलाफ निंदा नहीं करनी चाहिए और सत्य को अस्वीकार नहीं करना चाहिए। तुम लोगों को अज्ञानी और अभिमानी व्यक्ति नहीं बनना चाहिए, बल्कि ऐसा बनना चाहिए जो पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के प्रति समर्पण करता हो और सत्य के लिए प्यासा होकर इसकी खोज करता हो; सिर्फ इसी तरीके से तुम लोग लाभान्वित होगे(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को फिर से बना चुका होगा)।” यह सुनकर पादरी ल्यू आग बबूला हो गई। उसने उन दो भाइयों की ओर इशारा किया और क्रूरतापूर्वक कहा, “चुप हो जाओ। सीधे दफा हो जाओ! अगर मैंने तुम्हें अपने जिम्मे वाले इलाके में फिर से सुसमाचार प्रचार करते पकड़ लिया तो मैं तुम्हें तुरंत सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो भेज दूँगी!” पादरी ल्यू ने यह कहकर मुझे चौंका दिया। आमतौर पर जब वह बाइबल की व्याख्या करती थी तो उसका लहजा बहुत दयालु होता था। मैंने सोचा था कि आज जब मैं उन्हें यह बताऊँगी कि प्रभु लौट आया है तो वह इसे स्वीकार करने को लेकर खुश होगी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि उसका ऐसा रवैया होगा। मैं पूरी तरह से भ्रमित थी और मैंने मन ही मन सोचा, “हम प्रभु में विश्वास करते हैं और हम सब प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं। प्रभु लौट आया है और सत्य व्यक्त कर चुका है, लेकिन पादरी ल्यू ने इसे स्वीकार नहीं किया। पादरी ने अपना आपा तक खो दिया और हमें भगा दिया। उसने यह भी कहा कि भले ही यह सच्चा मार्ग हो, फिर भी वह इसे स्वीकार नहीं करेगी। तो वह प्रभु में विश्वास क्यों करती है?”

अप्रैल में एक दिन मैंने कलीसिया के सात प्रमुख सहकर्मियों को अपने घर आमंत्रित किया ताकि वे भी उन दो भाइयों को परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की गवाही देते हुए सुन सकें। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़कर सब ने देखा कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन सत्य हैं और वे सुनिश्चित हो गए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही लौटा हुआ प्रभु यीशु मसीह है। कुछ इतने उत्साहित थे कि उनकी आँखों से आँसू बह निकले। इसी क्षण पादरी ल्यू गुस्से में अंदर घुस आई। यह देखकर कि प्रमुख सहकर्मी वहाँ थे, उसने हमारी ओर इशारा किया और गुस्से से कहा, “कोई आश्चर्य नहीं कि कलीसिया की सभा में कोई नहीं है। तुम सब यहाँ हो!” फिर वह परमेश्वर की ईश-निंदा करने लगी। मैं बहुत गुस्से में थी और मैंने कहा, “आपको उस बारे में बात नहीं करनी चाहिए जिसे आप समझती नहीं हैं। पवित्रात्मा की ईश-निंदा करने का पाप इस जीवन में या आने वाले संसार में कभी माफ नहीं किया जाएगा! क्या आप परमेश्वर को नाराज करने से डरती नहीं हैं?” मेरी यह बात सुनकर वह और भी गुस्से में आ गई। उसने मेरी ओर इशारा करते हुए कहा, “मैंने तुमसे कहा था कि उनका प्रचार मत सुनो, लेकिन तुमने मेरी बात नहीं मानी। तुम उनका प्रचार सुनने के लिए इतने सारे सहकर्मियों को भी साथ ले आईं! मैं तुम्हें कई सालों से विकसित कर रही हूँ। मैंने तुम्हारे साथ हर बात पर चर्चा की। अब तुम मुझे सचमुच धोखा दे चुकी हो और यहाँ तक कि बाहरी लोगों को हमारी कलीसिया में प्रचार करने ले आई हो। मैंने तुम्हें व्यर्थ ही विकसित किया!” मैंने कहा, “हम प्रभु में विश्वास करते हैं और हम सब प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं। अब प्रभु लौट आया है और उसने इतने सारे सत्य व्यक्त किए हैं। आप भाई-बहनों को सुनने क्यों नहीं देतीं?” सभी सहकर्मियों ने कहा, “हाँ, पादरी ल्यू। सच्चा मार्ग यही है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटा हुआ प्रभु यीशु है।” पादरी ल्यू ने उनकी ओर इशारा किया और कहा, “अगर तुम कोई धर्मोपदेश सुनना चाहते हो तो मैं तुम्हें सुनाऊँगी। तुम सब सहकर्मी हो। तुम कलीसिया की रीढ़ हो। मैंने तुम्हें सालों तक सहारा दिया और विकसित किया है, लेकिन अब तुम यह धर्मोपदेश सुनने यहाँ भाग आए हो। बाइबल कहती है कि अंत के दिनों में झूठे मसीह लोगों को गुमराह करने के लिए प्रकट होंगे। तुम यह कैसे नहीं जान सकते? अगर तुम गुमराह हो गए तो क्या तुम कलीसिया के सभी लोगों को गलत रास्ते पर नहीं ले जाओगे? मैं प्रभु को इसका हिसाब कैसे दूँगी? क्या तुम्हें लगता है कि उन दोनों के कहने भर से प्रभु लौट आया है? तुम बहुत भोले-भाले हो! तुममें से कोई भी यह मत सुनो!” उपस्थित तीन सहकर्मी पादरी ल्यू से परेशान हो गए और आगे सुनने की हिम्मत नहीं कर पाए। मुझे पता था कि पादरी ल्यू का ऐसा कहना गलत है। प्रभु यीशु ने वास्तव में कहा था कि अंत के दिनों में झूठे मसीह होंगे जो लोगों को गुमराह करेंगे। लेकिन प्रभु यीशु ने यह भी कहा था कि झूठे मसीह बड़े-बड़े संकेतों और चमत्कारों से लोगों को गुमराह करेंगे, ताकि हम कुछ भेद पहचान सकें। प्रभु ने यह बिल्कुल नहीं कहा कि झूठे मसीहों के प्रकट होने के कारण हमें प्रभु का स्वागत नहीं करना चाहिए और प्रभु की वाणी नहीं सुननी चाहिए। क्या वह यहाँ प्रभु के वचनों की गलत व्याख्या नहीं कर रही थी? उस समय पादरी ल्यू ने सुसमाचार प्रचार करने वाले भाइयों की ओर इशारा किया और कहा, “तुम जो प्रचार करते हो वह पाखंड है। अगर परमेश्वर आ चुका है तो वह कहाँ है? क्या तुम लोगों ने उसे देखा है? मैं कलीसिया की कानूनी प्रतिनिधि हूँ, और ये लोग मेरी कलीसिया में हैं। तुम मुझसे पूछे बिना यहाँ प्रचार नहीं कर सकते!” उन दो भाइयों ने शांत भाव से कहा, “पादरी ल्यू, भेड़ें परमेश्वर की हैं, किसी एक व्यक्ति की नहीं। प्रभु यीशु ने कहा था : ‘मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं(यूहन्ना 10:27)। प्रभु सत्य व्यक्त करने और अपनी भेड़ों को खोजने के लिए लौटा। तुम लोगों को परमेश्वर के वचन सुनने से नहीं रोक सकतीं। यह परमेश्वर के इरादों के अनुरूप नहीं है!” पादरी ल्यू ने आदेशात्मक लहजे में कहा, “अगर मैं तुम्हें यहाँ प्रचार करने की अनुमति नहीं देती हूँ तो तुम यहाँ प्रचार नहीं कर सकते! अगर तुमने प्रचार जारी रखा तो मैं तुम्हें तुरंत पुलिस थाने भेज दूँगी!” जब मैंने देखा कि पादरी ल्यू कितनी क्रूर है तो मुझे बुरे किरायेदारों की वह कथा याद आ गई जो बाइबल में प्रभु यीशु ने बताई थी। जब जमींदार ने अपने सेवकों और बेटे को फलों की फसल तोड़ने भेजा तो किरायेदारों ने उन सबको मार डाला और जमींदार की संपत्ति पर कब्जा करना चाहा। क्या पादरी ल्यू का तरीका इन किरायेदारों जैसा नहीं था? यह अच्छी बात थी कि दोनों भाई प्रभु के आगमन के सुसमाचार का प्रचार कर रहे थे। वे खुशी के समाचार, खुशखबरी का प्रचार कर रहे थे। लेकिन वह सुसमाचार प्रचार करने वालों के साथ इस तरह पेश आने में सक्षम थी और यहाँ तक कि पुलिस को बुलाकर उन्हें थाने भेजने की धमकी भी दे रही थी, उन्हें नुकसान पहुँचाने के लिए दानवों के हवाले कर रही थी। यह दिखाता है कि वह सचमुच एक बुरी सेवक थी! मुझे पादरी ल्यू के बारे में कुछ भेद पहचानने की समझ आ गई थी और मैंने कहा, “पादरी ल्यू, हम सब परमेश्वर में विश्वास करने वाले लोग हैं। आप इन भाइयों को पुलिस थाने कैसे भेज सकती हैं? क्या यह यहूदा होना नहीं है? मुझे लगता है कि आप अच्छी तरह जानती हैं कि यहूदा का परिणाम क्या हुआ था, है ना?” मुझे यह कहते देखकर पादरी ल्यू ने और कुछ नहीं कहा। मैंने आगे कहा, “पादरी ल्यू, मैं आपकी भावनाओं को समझ सकती हूँ। लेकिन क्या हम प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा करने के लिए ही प्रभु में विश्वास नहीं करते? अब लोग यह प्रचार करने आए हैं कि प्रभु आ चुका है। क्या तुम इसे बिना खोजे या जाँच किए झूठा कहकर बहुत मनमानी नहीं कर रही हो? मैंने इन दो भाइयों को जिस बारे में बात करते हुए सुना है, वह सब बाइबल के अनुसार है। प्रभु अपना नया कार्य करने के लिए आ चुका है...” पादरी ल्यू ने अधीरता से कहा, “बात करना बंद करो! तुम क्या जानती हो? बेहतर होगा कि तुम जल्दी से वापस लौट आओ!” अपनी बात खत्म करने के बाद वह रुष्ट होकर चली गई। उस समय जो तीन सहकर्मी परेशान हो गए थे, वे पादरी ल्यू के साथ चले गए। बाकी सहकर्मियों ने खोजना और जाँच करना जारी रखा और अंत में उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य स्वीकार लिया।

उसके बाद पादरी ल्यू ने लोगों को सच्चे मार्ग की जाँच करने से रोकने के लिए कलीसिया में निराधार अफवाहें फैलाईं। उसने कहा, “ली जिंग जिसमें विश्वास करती है वह पाखंड है। उसकी बात मत सुनो। जब मैं धार्मिक मामलों के ब्यूरो में एक बैठक में थी तो मैंने इस बारे में ब्यूरो और थ्री-सेल्फ चर्च की स्थायी समिति के सदस्यों से पूछा था। उन सभी ने कहा कि पूरा धार्मिक समुदाय चमकती पूर्वी बिजली का विरोध करता है और सरकार इसके विश्वासियों का दमन और उनकी गिरफ्तारी कर रही है। अगर तुम इसमें विश्वास करते हो तो तुम्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और तुम्हारे परिवार से हर कोई इसमें घसीटा जाएगा।” पादरी ल्यू एक-एक कर उन भाई-बहनों के घर भी गई जिन्होंने परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य स्वीकार लिया था, ताकि उन्हें परेशान और धमका सके। कुछ लोग उससे इतने गुमराह हो गए कि वे दृढ़ नहीं रह पाए और पीछे हट गए। अतीत में कलीसिया के भाई-बहनों के मेरे साथ अच्छे संबंध थे, लेकिन पादरी ल्यू द्वारा परेशान करने कारण हर कोई मुझे देखकर बचने लगा। मेरे दिल में दर्द और कमजोरी महसूस हुई, इसलिए मैंने परमेश्वर से प्रार्थना की, “प्रिय परमेश्वर, जो लोग पहले कलीसिया में मेरे साथ अच्छे संबंध रखते थे, वे अब मुझे अनदेखा कर रहे हैं। जब वे मुझे देखते हैं तो ऐसे छिप जाते हैं मानो वे किसी महामारी से छिप रहे हों। मैं बहुत पीड़ा में हूँ। मेरा प्रबोधन और मेरी अगुआई करो ताकि मैं तुम्हारा इरादा समझ सकूँ।” बाद में मैंने परमेश्वर के कुछ वचन पढ़े : “परमेश्वर द्वारा मनुष्य पर किए जाने वाले कार्य के प्रत्येक कदम में, बाहर से यह लोगों के मध्य अंतःक्रिया प्रतीत होता है, मानो यह मानव-व्यवस्थाओं द्वारा या मानवीय विघ्न से उत्पन्न हुआ हो। किंतु पर्दे के पीछे, कार्य का प्रत्येक कदम, और घटित होने वाली हर चीज, शैतान द्वारा परमेश्वर के सामने चली गई बाजी है और लोगों से अपेक्षित है कि वे परमेश्वर के लिए अपनी गवाही में अडिग बने रहें। उदाहरण के लिए, जब अय्यूब का परीक्षण हुआ : पर्दे के पीछे शैतान परमेश्वर के साथ शर्त लगा रहा था और अय्यूब के साथ जो हुआ वह मनुष्यों के कर्म थे और मनुष्यों के विघ्न थे। परमेश्वर द्वारा तुम लोगों में किए गए कार्य के हर कदम के पीछे शैतान की परमेश्वर के साथ बाजी होती है—इस सब के पीछे एक लड़ाई होती है(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है)। परमेश्वर के वचन पढ़ने के बाद मुझे यही समझ में आया कि आज मेरे सामने जो परिवेश आया है वह एक आध्यात्मिक संघर्ष है। सतह पर ऐसा लग रहा था कि लोग हमें सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करने से रोक रहे हैं, लेकिन वास्तव में, शैतान इन लोगों का इस्तेमाल हमें परमेश्वर की ओर लौटने से रोकने के लिए कर रहा था। परमेश्वर लोगों के उद्धार के लिए कार्य करने आया है और शैतान इसे बाधित करने और नष्ट करने आता है। मुझे शैतान की चालों की असलियत देखनी थी और इन लोगों, घटनाओं और चीजों से बाधित नहीं होना था। मुझे अपनी गवाही में दृढ़ रहना था। फिर मैंने सोचा, मैं इतनी पीड़ा में क्यों थी? ऐसा इसलिए था क्योंकि, शुरुआत में, इन लोगों के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध थे। उनमें से कुछ तो मेरी प्रशंसा भी करते थे। लेकिन अब वे मुझे अनदेखा करते थे। मुझे लगा कि मैं अचानक उपेक्षित कर दी गई हूँ। मुझे याद आया कि प्रभु यीशु ने कहा था : “और जो अपना क्रूस लेकर मेरे पीछे न चले वह मेरे योग्य नहीं(मत्ती 10:38)। प्रभु यीशु लोगों के उद्धार के लिए कार्य करने आया और उपहास, निंदा, दोषारोपण और अस्वीकृति सहता रहा। परमेश्वर ने यह सब बहुत पहले ही सह लिया था, तो क्या यह सही नहीं है कि परमेश्वर का अनुसरण करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को परमेश्वर के सुसमाचार का प्रसार करने के लिए इन अस्वीकृतियों का दुख सहना चाहिए? जब मैंने इस बारे में सोचा तो मुझे अपने दिल में अब उतनी पीड़ा महसूस नहीं हुई।

बाद में जब पादरी ल्यू सामने से लोगों को सच्चा मार्ग स्वीकार करने से रोक रही थी तो मैं और मेरे भाई-बहन पीछे से उन्हें जल्दी से सहारा देते और सींचते थे और कलीसिया में सुसमाचार प्रचार करना जारी रखे हुए थे। एक के बाद एक, हम अस्सी या नब्बे लोगों को ले आए। अगस्त में पादरी ल्यू ने देखा कि कलीसिया में लोग लगातार कम होते जा रहे हैं और चढ़ावे का भी सूखा पड़ने लगा है। इसलिए वह अवरोध डालने और परेशान करने को लेकर और भी ज्यादा पगला गई। एक दिन पादरी ल्यू मेरे घर आई और मुस्कुराते हुए बोली, “इन दिनों हमारे रिश्ते थोड़े से अजीब हो गए हैं, मैं इस बारे में बहुत असहज महसूस करती हूँ और मुझे तुम्हारी चिंता है। तुम देखती हो, कलीसिया बहुत बड़ी है, और मैं सब कुछ नहीं सँभाल सकती। अगर मैं इसे किसी और को सौंप दूँ तो मुझे चैन नहीं मिलेगा, इसलिए मैं तुम्हें इस कलीसिया का प्रभारी बनाने की तैयारी कर रही हूँ। तुम्हें क्या लगता है?” मुझे एहसास हुआ कि पादरी ल्यू ने यह बात मुझे वापस खींचने के लिए कही थी। लेकिन फिर मैंने सोचा, जब मैं पहले कलीसिया में प्रभु में विश्वास करती थी तो मुझ पर अत्याचार नहीं होता था और मेरे भाई-बहन भी मेरे प्रति बहुत विनम्र थे। अगर मैं वापस लौट जाती हूँ तो शायद हर कोई फिर से मेरी प्रशंसा करेगा और मुझे अस्वीकृति का दंश नहीं सहना पड़ेगा। मुझे अपने दिल में थोड़ी झिझक महसूस हुई। इस समय मुझे परमेश्वर के वचन याद आए : “जब पहाड़ सरकते हैं, तो क्या वे तुम्हारे रुतबे की खातिर अपना रास्ता बदल सकते हैं? जब समुद्र बहते हैं, तो क्या वे मनुष्य के रुतबे के सामने रुक सकते हैं? क्या मनुष्य का रुतबा आकाश और पृथ्वी को पलट सकता है?(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 22)। परमेश्वर के वचनों ने मुझे समझाया कि रुतबा लोगों को नहीं बचा सकता। रुतबा केवल मेरे आत्मसम्मान को अस्थायी संतुष्टि दे सकता है, लेकिन जब आपदा आती है तो रुतबा मुझे मेरी दुर्दशा से बचने में मदद नहीं कर सकता। मुझे अच्छी तरह पता था कि धार्मिक कलीसिया के पास पवित्रात्मा का कार्य नहीं है, इसलिए मैं वापस वहाँ जाकर क्या करती? मैं कितनी मूर्ख थी! यह शैतान की चाल थी और मुझे मूर्ख नहीं बनना चाहिए। इसलिए मैंने पादरी ल्यू से कहा, “हम प्रभु में विश्वास करते हैं और प्रभु के आगमन की लगातार प्रतीक्षा करते हैं। अब जब मैं प्रभु का स्वागत कर चुकी हूँ तो वापस कैसे जा सकती हूँ? मैंने परमेश्वर के कार्य के तीसरे चरण को स्वीकार कर लिया है : अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य, जो लोगों की पापी प्रकृति का समाधान करने का कार्य है। परमेश्वर का कार्य आगे बढ़ चुका है, इसलिए मैं कैसे अब भी कलीसिया में वापस जा सकती हूँ? क्या वह पीछे जाना नहीं होगा? यह वैसा ही होगा जैसे मैं मिडिल स्कूल में जाने के बाद वापस प्राइमरी स्कूल में पढ़ने चली जाऊँ। क्या इसका कोई मतलब होगा?” पादरी ल्यू ने गुस्से से कहा, “मैं तुम्हें यहाँ से निकलने का एक रास्ता दे रही हूँ, लेकिन तुम अभी भी यह नहीं पहचान रही हो कि मैं तुम पर एहसान कर रही हूँ! तुम हठपूर्वक अपने गलत रास्ते पर अड़ी हुई हो! तुम बुरी तरह गुमराह हो गई हो! अब से अगर तुम कभी फिर से भेड़ें चुराने के लिए कलीसिया में आईं तो मैं तुम पर दया दिखाना बंद कर दूँगी—मैं तुम्हें सीधे पुलिस स्टेशन भेज दूँगी!” मैंने मन ही मन सोचा, “अगर तुम परमेश्वर में विश्वास करने वालों के लिए पुलिस बुला सकती हो तो तुम यहूदा हो।” पादरी ल्यू गुस्से में चली गई। परमेश्वर के वचनों के मार्गदर्शन और अगुआई के कारण मैंने शैतान की चालों को समझ लिया था। मेरे दिल में बहुत सुकून महसूस हुआ।

सितंबर में मैं और भाई-बहन पास की एक कलीसिया से एक दर्जन से अधिक लोगों को ले आए। जब पादरी ल्यू को पता चला तो वह परेशानी खड़ी करने मेरे घर आ गई। उसने मेरे पति के सामने समस्याएँ सुलगा दीं। उसने यह भी कहा कि सरकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर में मेरे विश्वास का विरोध करती है और अगर किसी दिन मुझे गिरफ्तार कर लिया गया तो हम सपने में भी नहीं सोच सकते कि हमारा बेटा विश्वविद्यालय जा पाएगा। मेरे पति को पादरी ल्यू की बातों पर विश्वास था और वह इस बात से डर गए कि परमेश्वर में मेरा विश्वास हमारे बेटे के भविष्य को प्रभावित कर देगा। उन्होंने मुझे सताना शुरू कर दिया और तलाक की धमकी दे दी। जब मैंने अपने पति को तलाक की बात करते सुना तो मैं चौंक गई। मेरे पति मेरे प्रति हमेशा बहुत अच्छे रहे थे और उन्होंने परमेश्वर में विश्वास करने के लिए मेरा विरोध नहीं किया था। वह ऐसे क्यों हो गए थे? क्या यह सब पादरी ल्यू द्वारा उकसाया नहीं गया था? मैं बहुत गुस्से में थी। एक पादरी के रूप में वह इतना नीच काम कैसे कर सकती थी? उसने लोगों को सही रास्ते पर परमेश्वर का अनुसरण नहीं करने दिया और उसने लोगों से अपना अनुसरण और अपना उन्नयन कराया, जबकि वह चढ़ावे पर ऐशो-आराम की जिंदगी जीती थी। वह कितनी नीच और क्रूर इंसान थी! वह एक दानव थी जो लोगों ाकी आत्माओं को निगल जाता था। लगातार तीन महीने तक मेरे पति मुझसे नाराज रहे और तलाक को लेकर हंगामा करते रहे। अंत में उन्होंने कहा, “मैं तुम्हें तीन दिन का समय देता हूँ। तुम्हें परमेश्वर में अपने विश्वास और हमारे परिवार के बीच एक निर्णय लेना होगा!” मेरे दिल में बहुत दुख हुआ, मैंने सोचा, “अगर मेरे पति ने सचमुच मुझसे तलाक दे दिया तो मैं क्या करूँगी? अगर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और इससे मेरे बच्चे के भविष्य पर असर पड़ा, मेरे बच्चे और पति दोनों मुझसे नफरत करने लगे तो मैं क्या करूँगी?” मैं तलाक नहीं लेना चाहती थी। मुझे अपना परिवार चाहिए था और मैं परमेश्वर में भी विश्वास करना चाहती थी। इसलिए मैं प्रार्थना करने के लिए परमेश्वर के सामने आई और मैंने परमेश्वर से कहा कि वह मेरी अगुआई करे। प्रार्थना करने के बाद मुझे परमेश्वर के ये वचन याद आए : “तुम लोगों का मिज़ाज, क्षमता, रूप-रंग, कद-काठी, वह परिवार जिसमें तुमने जन्म लिया, तुम्हारी नौकरी और तुम्हारा विवाह—अपनी समग्रता में तुम, यहां तक कि तुम्हारे बालों और त्वचा का रंग, और तुम्हारे जन्म का समय—सभी कुछ मेरे हाथों से तय किया गया था। यहां तक कि हर एक दिन जो चीज़ें तुम करते हो और जिन लोगों से तुम मिलते हो, उसकी व्यवस्था भी मैंने अपने हाथों से की थी, साथ ही आज तुम्हें अपनी उपस्थिति में लाना भी वस्तुतः मेरा ही आयोजन है। अपने आप को अव्यवस्था में न डालो; तुम्हें शांतिपूर्वक आगे बढ़ना चाहिए(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 74)। मेरी नियति परमेश्वर के हाथों में है और मेरे बच्चे का भविष्य भी परमेश्वर के हाथों में है। मैं अपने पति से समझौता नहीं कर सकती। जब तीन दिन पूरे हो गए तो मेरे पति ने मुझसे मेरा जवाब माँगा। मैंने उनसे कहा, “हर किसी का भाग्य परमेश्वर के हाथों में है। हमारा बेटा किस स्कूल में जाएगा और उसे क्या नौकरी मिलेगी, यह सब परमेश्वर के हाथों में आयोजित होता है। चाहे आप मुझे तलाक ही क्यों न दे दें, फिर भी मैं परमेश्वर में विश्वास करना चुनूँगी!” मेरे पति ने गुस्से से कहा, “तो ठीक है, जो चाहती हो वो करो!” उसके बाद उन्होंने फिर कभी तलाक का जिक्र नहीं किया।

उसके बाद पादरी ल्यू ने विभिन्न निराधार अफवाहें और भ्रांतियाँ फैलाईं और उन नवागंतुकों को परेशान किया जिन्होंने अभी-अभी परमेश्वर के नए कार्य को स्वीकार किया था, लेकिन अभी तक उसमें गहरी जड़ें नहीं जमाई थीं। उनमें से पैंतालीस लोगों ने सभाओं में आना बंद कर दिया। इन नवागंतुकों को सींचने और सहारा देने के लिए मैं और मेरे भाई-बहन अलग-अलग हो गए। हमने उनके साथ परमेश्वर के वचनों के बारे में संगति की ताकि वे सत्य को समझ सकें और शैतान की साजिशों की असलियत देख सकें और हमने 30 से अधिक लोगों को बचाया। नवंबर में एक शाम को 4 बजे मैं घर पर परमेश्वर के वचन पढ़ रही थी जब पुलिस अचानक दरवाजे पर आई और मुझे गिरफ्तार कर लिया। जब मैं पुलिस थाने पहुँची तो मैंने देखा कि कई भाई-बहन भी गिरफ्तार कर लिए गए थे। पुलिस की बातों से ही मुझे पता चला कि पादरी ल्यू ने ही मुझे और कई अन्य भाई-बहनों को एक साथ रिपोर्ट किया था। पुलिस मुझसे लगातार पूछती रही कि हमारी कलीसिया का चढ़ावा कहाँ है और परमेश्वर के वचनों की किताबें कहाँ हैं। मैंने कुछ नहीं कहा, इसलिए पुलिस मेरे घर तलाशी लेने चली गई। सौभाग्य से, मेरी गिरफ्तारी के बाद, मेरे पति और भाभी ने परमेश्वर में मेरे विश्वास से संबंधित मेरी सभी किताबें स्थानांतरित कर दी थीं। पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला और इसलिए उसने मुझे घर जाने दिया। मैंने देखा कि कैसे पादरी ल्यू ने हमें गिरफ्तार करवाने के लिए सरकार के साथ मिलीभगत की थी। यह बिल्कुल वैसा ही था जैसे फरीसियों ने प्रभु यीशु और उनके शिष्यों पर अत्याचार करने के लिए रोमन सरकार के साथ हाथ मिला लिया था। मुझे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के ये वचन याद आए : “ऐसे भी लोग हैं जो बड़ी-बड़ी कलीसियाओं में दिन-भर बाइबल पढ़ते और याद करके सुनाते रहते हैं, फिर भी उनमें से एक भी ऐसा नहीं होता जो परमेश्वर के कार्य के उद्देश्य को समझता हो। उनमें से एक भी ऐसा नहीं होता जो परमेश्वर को जान पाता हो; उनमें से परमेश्वर के इरादों के अनुरूप तो एक भी नहीं होता। वे सबके सब निकम्मे और अधम लोग हैं, जिनमें से प्रत्येक ‘परमेश्वर’ को सिखाने के लिए ऊँचे पायदान पर खड़ा रहता है। वे ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर के नाम का झंडा उठाते हैं, पर जानबूझकर उसका प्रतिरोध करते हैं, जो मनुष्यों का माँस खाते और रक्त पीते हुए भी परमेश्वर में आस्था रखने का दावा करते हैं। ऐसे सभी मनुष्य बुरे शैतान हैं जो मनुष्यों की आत्माओं को निगल जाते हैं, ऐसे मुख्य दानव हैं जो जानबूझकर लोगों के सही मार्ग पर कदम बढ़ाने को बाधित करते हैं और ऐसी बाधाएँ हैं जो लोगों के परमेश्वर को के मार्ग में रुकावट पैदा करते हैं। वे ‘मजबूत देह’ वाले दिख सकते हैं, किंतु उसके अनुयायियों को कैसे पता चलेगा कि वे मसीह-विरोधी हैं जो लोगों से परमेश्वर का प्रतिरोध करवाते हैं? अनुयायी कैसे जानेंगे कि वे जीवित शैतान हैं जो इंसानी आत्माओं को निगलने को समर्पित हुए बैठे हैं?(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर को न जानने वाले सभी लोग परमेश्वर का प्रतिरोध करते हैं)। तभी मुझे परमेश्वर के वचनों का सच्चा अर्थ समझ आया। परमेश्वर ने उन पादरियों और एल्डरों को उजागर किया जो हर दिन मंच पर खड़े होकर बाइबल की व्याख्या करते हैं, लेकिन जो लोगों को सच्चे मार्ग की जाँच करने से रोकते हैं। वे बाहर से धर्मनिष्ठ और स्नेही हैं, लेकिन वास्तव में वे सब पाखंडी हैं। वे अपना रुतबा और आजीविका कायम रखने के लिए बाइबल की व्याख्या पर निर्भर रहते हैं। जब वे लोगों को यह गवाही देते हुए सुनते हैं कि प्रभु लौट आया है तो वे न केवल खोज और जाँच नहीं करते, बल्कि वे हठपूर्वक इसका प्रतिरोध और निंदा भी करते हैं। अपनी भेड़ों की रक्षा करने की आड़ में वे विश्वासियों को सच्चे मार्ग की जाँच करने से भी रोकते हैं। वे स्वयं स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करते हैं और विश्वासियों को भी प्रवेश करने से रोकते हैं, उनके कारण लोग परमेश्वर का प्रतिरोध करते हैं और उन्हीं के साथ नरक में उतर जाते हैं। मैंने पीछे मुड़कर उन सारी चीजों के बारे में सोचा जो पादरी ल्यू करती थी। वह हर दिन बाइबल के शब्दों की व्याख्या करती थी, लेकिन वह प्रभु के वचनों का सच्चा अर्थ नहीं समझती थी। वह बाइबल के शब्दों की अपनी व्याख्या का उपयोग केवल लोगों को गुमराह करने और उन्हें परमेश्वर की वाणी सुनने से रोकने के लिए करती थी। जहाँ तक प्रभु के आगमन के मामले का संबंध है, प्रभु यीशु ने लोगों से बुद्धिमान कुंवारियाँ बनने और परमेश्वर की वाणी सुनने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा, लेकिन पादरी ल्यू ने विश्वासियों को सच्चे मार्ग की जाँच करने से रोका। वह यह स्पष्ट रूप से अपने रुतबे और अपनी आजीविका के लिए कर रही थी, फिर भी वह दावा करती थी कि यह भाई-बहनों की रक्षा के लिए है। जब उसने देखा कि वह अपने उद्देश्य में विफल है, अधिक से अधिक भाई-बहन परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य स्वीकार रहे हैं और कलीसिया का चढ़ावा घटता जा रहा है तो उसने विश्वासियों को डराने के लिए निराधार अफवाहों का इस्तेमाल किया और विश्वासियों को गुमराह करने के लिए पाखंड और भ्रांतियाँ फैलाईं, उन्हें हमेशा के लिए अपने हाथों नियंत्रित करने का प्रयास किया। जब उसने देखा कि वह वास्तव में इसे नहीं रोक सकती तो उसने मुझे और मेरे भाई-बहनों को सीसीपी की बुरी पुलिस के हवाले कर दिया और हमें सच्चा मार्ग छोड़ने और सुसमाचार का प्रचार छोड़ने के लिए मजबूर किया। पादरी ल्यू रोजाना शोर मचाती थी कि वह विश्वासियों के जीवन और विश्वासियों की सुरक्षा का बचाव करने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन उसने इस तरह कार्य किया। यह स्पष्ट था कि सुखद ढंग से बोलने का उसका सामान्य तरीका वास्तव में बस लोगों को नियंत्रित करने और पिंजरे में बंद करने के लिए था। उसने परमेश्वर की भेड़ों को अपनी भेड़ें बना लिया। वह एक जीती-जागती भूत है, एक ऐसा दुष्ट दानव है जो दूसरों को स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने से रोकता है और उनकी आत्माओं को निगल जाता है। वह एक प्रामाणिक पाखंडी फरीसी है : एक ऐसी बुरी सेवक और मसीह-विरोधी है जो सत्य से घृणा करती है और परमेश्वर की शत्रु है! अगर परमेश्वर के वचनों का प्रकाशन और तथ्यों का खुलासा न होता तो मेरे लिए इन पादरियों के सार को स्पष्ट रूप से देखना मुश्किल होता। मैं उनसे गुमराह और बर्बाद हो जाती और मुझे पता भी नहीं चलता। पादरी के “प्रदर्शन” ने वास्तव में अपनी विवेकशीलता सुधारने में मेरी मदद की। परमेश्वर सचमुच कितना बुद्धिमान है! इस गिरफ्तारी ने मुझे पादरी ल्यू के सच्चे चेहरे को पूरी तरह स्पष्ट रूप से देखने दिया : वह पाखंडी है और परमेश्वर का प्रतिरोध करती है। यह परमेश्वर के वचनों का मार्गदर्शन ही था जिसने मुझे पादरी द्वारा परेशान, बाधित और गुमराह करने के बहुत से प्रयासों पर विजय पाने दी। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का धन्यवाद!

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