125  परमेश्वर का सच्चा प्रेम पाने की खोज करनी चाहिए तुम्हें

1

आज से तुम सब को सही राह पर आना चाहिए

क्योंकि तुम व्यावहारिक परमेश्वर में विश्वास करते हो।

आस्था रखकर तुम केवल उसकी आशीष को न खोजना,

बल्कि उससे प्रेम करना और उसको जानना।

उसकी प्रबुद्धता के द्वारा और अपनी खोज से,

परमेश्वर को सच में समझो, अपने दिल में सच्चा प्रेम रखो।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

इतना कि कोई भी न रोक सके या नष्ट कर सके,

तब तुम परमेश्वर की आस्था के सही राह पर हो।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

हाँ, ये साबित करता है कि तुम परमेश्वर से संबंध रखते हो,

क्योंकि परमेश्वर के अधीन तुम्हारा दिल है,

और ये कि तुम पर किसी और का भी हक़ नहीं है।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

हाँ, प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा है।


2

तुम्हारे अनुभव और तुम जो चुकाते हो और

परमेश्वर के कार्य के कारण, तुम स्वेच्छा से प्रेम करते हो।

तब तुम आज़ाद किए जाते हो शैतान के प्रभाव से, और

तुम परमेश्वर के वचनों की रोशनी में जीते हो।

गर तुम अंधकार के प्रभाव से आज़ाद हो, तो तुम परमेश्वर को पा सकते हो।

अपनी आस्था में, इस लक्ष्य की खोज करो। ये कर्तव्य है तुम्हारा।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

इतना कि कोई भी न रोक सके या नष्ट कर सके,

तब तुम परमेश्वर की आस्था के सही राह पर हो।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

ये साबित करता है कि तुम परमेश्वर से संबंध रखते हो,

क्योंकि परमेश्वर के अधीन तुम्हारा दिल है,

और ये कि तुम पर किसी और का भी हक़ नहीं है।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

हाँ, प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा है।


3

चीज़ें जैसी हैं उसी में संतुष्ट न रहो।

तुम सब परमेश्वर के कार्य के प्रति दो मन से न रहो

या हल्के में उसके कार्य को न लो।

हर तरह से, हर वक़्त उसके बारे में सोचो।

हर चीज़ करो उसके लिए, और परमेश्वर के घर को रखो सर्वोपरि,

जब भी बोलो या कार्य करो। ये परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप है।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

इतना कि कोई भी न रोक सके या नष्ट कर सके,

तब तुम परमेश्वर की आस्था के सही राह पर हो।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

ये साबित करता है कि तुम परमेश्वर से संबंध रखते हो,

क्योंकि परमेश्वर के अधीन तुम्हारा दिल है,

और ये कि तुम पर किसी और का भी हक़ नहीं है।

जब प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा हो,

हाँ, प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा है।

हाँ, प्रेम तुम्हारा परमेश्वर के प्रति खरा है।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है से रूपांतरित

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