220  सच्चाई से जी कर ही तू दे सकता है गवाही

1

सत्य है जिनमें, वे ही ऐसे लोग हैं जो अपने अनुभव में,

मज़बूती से दे सकते हैं गवाही, खड़े रह सकते हैं डटकर, परमेश्वर के पक्ष में,

कभी हटते नहीं पीछे, मौत आने तक मानते हैं हुक्म परमेश्वर का,

बनाए रखते हैं सामान्य रिश्ता उनसे, जो प्रेम करते हैं परमेश्वर से।

असल ज़िंदगी में तेरा अमल और अभिव्यक्ति हैं गवाही परमेश्वर की।

जिसे इंसान को चाहिये जीना।

यही है असल में परमेश्वर के प्यार का आनन्द लेना।

जब पहुँचेगा तू यहाँ, तो हासिल होगा उपयुक्त नतीजा।


2

तेरे पास है असल बर्ताव सत्य के अमल का।

तेरा हर काम सराहा जाता है दूसरों द्वारा।

सादा है तेरा बाहरी रूप मगर, जीता है धर्मपरायणता का जीवन तू।

परमेश्वर करता है प्रबुद्ध तुझे, जब साझा करता है परमेश्वर के वचनों को तू।

अपने शब्दों से इच्छा परमेश्वर की तू बोल पाता है,

सच्चाई बोलता है, आत्मा में सेवा को समझता है,

अपनी ज़बान में तू खरा है, शालीन है, सरल है, अशांत नहीं है,

परमेश्वर की योजना का पालन कर सकता है,

अपनी गवाही में डटा रह सकता है।

जब आ जाती है कोई बात तुझ पर, तो तू शांत-स्थिर रहता है।

परमेश्वर के प्यार को ऐसे ही इंसान ने देखा है।

असल ज़िंदगी में तेरा अमल और अभिव्यक्ति हैं गवाही परमेश्वर की,

जिसे इंसान को चाहिये जीना।

यही है असल में परमेश्वर के प्यार का आनन्द लेना।

जब पहुँचेगा तू यहाँ, तो हासिल होगा उपयुक्त नतीजा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर से प्रेम करने वाले लोग सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे से रूपांतरित

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