250  परमेश्वर के कार्य की थाह कोई नहीं पा सकता

1

ईश्वर और इंसान एक समान नहीं।

ईश-कार्य और सार हैं अथाह, समझने में मुश्किल।

गर ईश्वर अपना काम ख़ुद न करे, इंसान से अपने वचन न कहे,

तो उसकी इच्छा कोई न समझ पाये।

जिन्होंने उसे दे दिया अपना सारा जीवन, वे भी उसकी मंज़ूरी पा ना सकें।


इंसान ईश-कार्य को सीमांकित न करे।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?

इंसान न बांध सके ईश-कार्य की सीमा।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?


2

ईश-कार्य बिन, बेकार हैं इंसान के अच्छे काम भी,

क्योंकि ईश्वर की सोच इंसानी सोच से ऊपर है।

ईश-बुद्धि की थाह न पा सके कोई।

इसलिये ईश्वर कहे, जो सोचें कि वे जानें पूरी तरह ईश्वर

और उसके काम को, हैं बेकार, अज्ञानी और घमंडी।

शैतान ने भ्रष्ट किया इंसान को, इंसानी प्रकृति ईश-विरोधी है।

इंसान बराबर नहीं ईश्वर के, उसके काम में इंसान सलाह न दे सके।


इंसान ईश-कार्य को सीमांकित न करे।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?

इंसान न बांध सके ईश-कार्य की सीमा।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?


3

इंसान की अगुआई ईश्वर का काम है।

इंसान को चाहिए वो आज्ञा माने, राय न रखे, वो तो बस धूल है।

चूँकि हम करें कोशिश ईश्वर को खोजने की

तो अपनी धारणा उसके काम पर न थोपें हम कि वो उन पर सोचे,

न अपनी भ्रष्ट प्रकृति से ईश-कार्य का विरोध करें।

वर्ना क्या हम नहीं बनेंगे मसीह-विरोधी?

क्या कर सकेंगे दावा ईश्वर में आस्था का?


इंसान ईश-कार्य को सीमांकित न करे।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?

इंसान न बांध सके ईश-कार्य की सीमा।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?


4

चूँकि हमें है विश्वास ईश्वर में, हम उसे संतुष्ट करना, देखना चाहते हैं,

हमें खोजना चाहिए मार्ग सत्य का, ईश्वर के अनुरूप होने का तरीका,

और नहीं करना चाहिए विरोध उसका, इससे कुछ भला नहीं हो सकता।


इंसान ईश-कार्य को सीमांकित न करे।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?

इंसान न बांध सके ईश-कार्य की सीमा।

ईश्वर की नज़रों में वो चींटी से ज़्यादा नहीं,

कैसे वो समझ सके काम ईश्वर का?


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, प्रस्तावना से रूपांतरित

पिछला:  249  थोमा की कहानी इंसान के लिए एक चेतावनी है

अगला:  251  ईश्वर के प्रकटन को परिसीमित करने के लिए कल्पना पर भरोसा न करो

संबंधित सामग्री

610  प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger