250  परमेश्वर मनुष्य के उद्धार के लिए भयंकर कष्ट सहता है

1 इस बार परमेश्वर ने उस कार्य को करने के लिए देहधारण किया है जो उसने अभी तक पूरा नहीं किया है। वह इस युग का न्याय और समापन करेगा, मनुष्य को कष्टों के अंबार से बचाएगा, मानवता को पूरी तरह से जीतेगा और लोगों के जीवन-स्वभाव को बदलेगा। मनुष्य को दुखों और रात की तरह काली अंधेरी दुष्ट ताकतों से मुक्त कराने और इंसान की खातिर कार्य करने के लिए परमेश्वर ने कितनी ही रातें करवटें बदलते हुए बिताई हैं। इस इंसानी नरक में रहने और इंसान के साथ समय बिताने के लिए वह उच्चतम स्थान से निम्नतम स्थान पर अवतरित हुआ है। परमेश्वर ने मनुष्यों में फैली मलिनता को लेकर कभी भी शिकायत नहीं की है, न ही उसने कभी इंसान से बहुत अधिक अपेक्षा की है; बल्कि अपना कार्य करते हुए परमेश्वर ने बेहद शर्मिंदगी झेली है। परमेश्वर ने मनुष्य जाति के सुख-चैन के लिए धरती पर आकर भयंकर अपमान सहा है और अन्याय झेला है, और इंसान को बचाने के लिए खुद शेर की माँद में प्रवेश किया है।

2 कितनी ही बार उसने सितारों का सामना किया है, कितनी ही बार उसने सुबह-सुबह प्रस्थान किया है और साँझ होते-होते वह लौट आया है; उसने चरम यंत्रणा सही है और लोगों के आक्रमणों और उनके द्वारा तोड़े-कुचले जाने के दंश को झेला है। परमेश्वर इस मलिन धरती पर आया है, और वह चुपचाप गुमनाम रहकर लोगों के विध्वंस और दमन को झेल रहा है, फिर भी उसने न तो कभी पलटकर वार किया है और न ही उसने लोगों से बहुत अधिक अपेक्षाएँ की हैं! उसने इंसान के लिए हर आवश्यक कार्य किया है : लोगों का शिक्षण, प्रबोधन किया है, उन्हें फटकार लगाई है, और अपने वचनों से उन्हें शुद्ध किया है, साथ ही उन्हें याद दिलाया है, समझाया है, उन्हें दिलासा दी है, उनका न्याय किया है और उन्हें उजागर किया है। उसका हर कदम लोगों के जीवन के लिए होता है, उन्हें शुद्ध करने के लिए होता है। लोगों की भविष्य की संभावनाओं और नियति को अपने हाथ में लेने के बावजूद, परमेश्वर सब कुछ इंसान के लिए ही करता है। उसका हर कदम उनके अस्तित्व की रक्षा के लिए होता है, ताकि धरती पर लोगों को एक सुंदर गंतव्य प्राप्त हो सके।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कार्य और प्रवेश से रूपांतरित

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परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

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