352 परमेश्वर संपूर्ण सृष्टि का प्रभु है
1 एक समय मैं यहोवा के नाम से पुकारा जाता था, एक समय मुझे लोग मसीहा के रूप में भी जानते थे और एक समय लोग मुझे प्यार और सम्मान से उद्धारकर्ता यीशु भी कहते थे। आज मैं वह यहोवा या यीशु नहीं हूँ, जिसे लोग बीते समयों में जानते थे। बल्कि मैं वह परमेश्वर हूँ जो अंत के दिनों में वापस आया है, वह परमेश्वर जो युग का समापन करेगा; मैं स्वयं परमेश्वर हूँ, जो अपने संपूर्ण स्वभाव से भरा है और अधिकार, आदर और महिमा से भरा, पृथ्वी के छोर से उदित होता है। यह वह परमेश्वर है जो अंत के दिनों के दौरान लोगों पर प्रकट होता है, किंतु उनके बीच छिपा हुआ है। वह सामर्थ्य से भरपूर और अधिकार से लबालब भरा हुआ, दहकते हुए सूर्य और धधकती हुई आग के समान, सच्चे और वास्तविक रूप में, लोगों के बीच निवास करता है। ऐसा एक भी व्यक्ति या चीज नहीं है जिसका मेरे वचनों द्वारा न्याय नहीं किया जाएगा, और ऐसा एक भी व्यक्ति या चीज नहीं है जिसे जलती आग के माध्यम से शुद्ध नहीं किया जाएगा।
2 अंततः मेरे वचनों के कारण तमाम देश धन्य हो जाएँगे, और मेरे वचनों के कारण टुकड़े-टुकड़े भी कर दिए जाएँगे। इस तरह अंत के दिनों में सभी लोग देखेंगे कि मैं ही वह उद्धारकर्ता हूँ जो वापस लौट आया है, और मैं ही वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ जो समस्त मानवजाति को जीतता है। और सभी देखेंगे कि मैं ही एक बार मनुष्य के लिए पाप-बलि था, किंतु अंत के दिनों में मैं धधकते सूर्य की ज्वाला बन गया हूँ जो सभी चीजों को जला देती है, और साथ ही मैं धार्मिकता का सूर्य बन गया हूँ जो सभी चीजों को प्रकट कर देता है। यह मेरा अंत के दिनों का कार्य है। मैंने इस नाम को इसलिए अपनाया और यह स्वभाव इसलिए धारण करता हूँ ताकि सभी लोग देख सकें कि मैं धार्मिक परमेश्वर हूँ, दहकता हुआ सूर्य हूँ और धधकती हुई ज्वाला हूँ, और ताकि सभी मेरी, एक सच्चे परमेश्वर की आराधना कर सकें, और ताकि वे मेरे असली चेहरे को देख सकें : मैं केवल इस्राएलियों का परमेश्वर नहीं हूँ, और मैं केवल छुटकारा दिलाने वाला नहीं हूँ; बल्कि मैं समस्त आकाश, पृथ्वी और महासागरों के सारे प्राणियों का परमेश्वर हूँ।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, उद्धारकर्ता पहले ही एक "सफेद बादल" पर सवार होकर वापस आ चुका है