436  जब मानवजाति विश्राम में प्रवेश कर लेती है

1 जब एक बार मानवजाति विश्राम में प्रवेश कर लेती है, तो बुराई करने वाले नष्ट किए जा चुके होंगे, समस्त मानवता सही मार्ग पर होगी; सभी प्रकार के लोग अपने-अपने प्रकार के साथ होंगे, उन कार्यों के अनुसार जिनका उन्हें अभ्यास करना चाहिए। केवल यही मानवता के विश्राम का दिन होगा, यह मानवता के विकास की अपरिहार्य प्रवृत्ति होगी और केवल जब मानवता विश्राम में प्रवेश करेगी केवल तभी परमेश्वर की महान और चरम कार्यसिद्धि पूर्णता पर पहुँचेगी; यह उसके कार्य का समापन अंश होगा। यह कार्य मानवता के पतनशील भौतिक जीवन का अंत करेगा, साथ ही यह भ्रष्ट मानवता के जीवन का अंत करेगा। इसके बाद से मनुष्य एक नए क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

2 यद्यपि सभी मनुष्य देहधारी होते हैं, किंतु उसके इस जीवन के सार और भ्रष्ट मानवता के सार में महत्त्वपूर्ण अंतर होते हैं। उसके अस्तित्व का अर्थ और भ्रष्ट मानवता के अस्तित्व का अर्थ भी भिन्न होता है। हालाँकि यह एक नए प्रकार के व्यक्ति का जीवन नहीं होगा, यह कहा जा सकता है कि यह उस मानवता का जीवन है, जो उद्धार प्राप्त कर चुकी है, साथ ही ऐसा जीवन, जिसने मानवता और तर्क को पुनः प्राप्त कर लिया है। ये वे लोग हैं, जो कभी परमेश्वर के प्रति अवज्ञाकारी थे, जिन्हें परमेश्वर द्वारा जीता गया था और फिर उसके द्वारा बचाया गया था; ये वे लोग हैं, जिन्होंने परमेश्वर का अपमान किया और बाद में उसकी गवाही दी। उसकी परीक्षा से गुज़रकर बचने के बाद उनका अस्तित्व सबसे अधिक अर्थपूर्ण अस्तित्व है; ये वे लोग हैं, जिन्होंने शैतान के सामने परमेश्वर की गवाही दी और वे मनुष्य हैं, जो जीवित रहने के योग्य हैं।

3 पूरी तरह असफल होने के बाद, शैतान फिर कभी मानवता को परेशान नहीं करेगा और मनुष्यों में अब और भ्रष्ट शैतानी स्वभाव नहीं होंगे। वे अवज्ञाकारी लोग पहले ही नष्ट किए जा चुके होंगे और केवल समर्पण करने वाले लोग ही बचेंगे। जब बहुत थोड़े से परिवार पूरी तरह बचेंगे; तो भौतिक संबंध कैसे बने रह सकते हैं? अतीत का मनुष्य का दैहिक जीवन पूरी तरह निषिद्ध होगा। शैतान के भ्रष्ट स्वभावों के बिना, मनुष्यों का जीवन अब अतीत के पुराने जीवन के समान नहीं होगा बल्कि एक नया जीवन होगा। फिलहाल लोगों का एक दूसरे के साथ भौतिक संबंध होता है, पर जब प्रत्येक विश्राम में प्रवेश कर लेगा, तो उनके बीच कोई संबंध नहीं होगा। केवल इस प्रकार की मानवता में ही धार्मिकता और पवित्रता होगी; केवल इस प्रकार की मानवता ही परमेश्वर की आराधना कर सकती है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर और मनुष्य साथ-साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे से रूपांतरित

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