768  मनुष्य के स्थान पर कष्ट झेलने के लिए परमेश्वर के देहधारण का महत्व

1 परमेश्वर ने मनुष्य की ओर से कष्ट उठाने के लिए देहधारण किया है, और ऐसा करने के बाद वह मानवजाति के अद्भुत भावी गंतव्य को साकार करेगा। यीशु द्वारा पूरे किए गए कार्य के चरण ने केवल उसके पापी देह के समान बनने और सूली पर चढ़ाए जाने के साथ-साथ उसके पाप-बलि बनकर मानवजाति के छुटकारे का काम किया; इसने भविष्य में मानवजाति के अद्भुत गंतव्य में प्रवेश की नींव रखी। उसने लोगों के पाप अपने ऊपर ले लिए और उसे सूली पर चढ़ाया गया और वह पाप-बलि बन गया, जिसके बाद मानवजाति का छुटकारा हुआ। अर्थात्, इसने एक प्रमाण के रूप में कार्य किया, जिसके माध्यम से मनुष्यों को उनके पापों के लिए माफ़ किया जा सकता है और वे परमेश्वर के सामने आ सकते हैं, और इतना ही नहीं, यह शैतान के खिलाफ युद्ध में एक पलटवार भी था।

2 अंत के दिनों में परमेश्वर अपना काम पूरा करेगा और पुराने युग का अंत करेगा, और बचे हुए मनुष्यों को उनके अद्भुत गंतव्य पर ले जाएगा। इस प्रकार, परमेश्वर ने एक बार फिर देहधारण किया है और वह मानवजाति को जीतने के अलावा, लोगों की ओर से कुछ कष्ट भी सहने के लिए आ गया है। इस प्रमाण, इस कार्य के माध्यम से मानवजाति के सभी कष्ट दूर किए जाएँगे, जिसमें परमेश्वर द्वारा अपने लिए गवाही देना शामिल होगा, और इस प्रमाण और गवाही का इस्तेमाल वह शैतान को हराने और अपमानित करने, और मनुष्य के अद्भुत गंतव्य को साकार करेगा।

3 देहधारी परमेश्वर अपना काम करने और दुनिया के दर्द का अनुभव करने के लिए आया है। परमेश्वर द्वारा यह काम किया जाना मायने रखता है, और यह मानवजाति और उसके भावी गंतव्य के लिए बहुत आवश्यक है। यह सब मानवजाति का उद्धार करने और मनुष्यों को प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है; ये कार्य और यह प्रयास मानवजाति के अद्भुत गंतव्य के लिए किया जा रहा है। मानवीय पीड़ा का स्वाद चखकर मनुष्य को वापस अपने पास लाने के बाद, शैतान के पास अब ऐसा कुछ भी नहीं होगा जिसे वह मनुष्य के ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर सके और इस तरह मानवजाति पूरी तरह से परमेश्वर की ओर मुड़ जाएगी। इसके बाद ही मनुष्यों को पूरी तरह से परमेश्वर का माना जा सकता है।

—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, परमेश्वर द्वारा जगत की पीड़ा का अनुभव करने का अर्थ से रूपांतरित

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परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

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