840  पूर्ण किए जाने के लिए तुम्हारे पास संकल्प और साहस होने चाहिए

1 आज, तुम केवल इस बात से संतुष्ट नहीं हो सकते कि तुम पर किस प्रकार विजय पाई जाती है, बल्कि तुम्हें उस पथ पर भी विचार करना होगा जिस पर तुम भविष्य में चलोगे। तुम पूर्ण बनाए जा सको, इसके लिए तुम्हारे अंदर आकांक्षाएँ और साहस होना चाहिए, और तुम्हें हमेशा यह नहीं सोचते रहना चाहिए कि तुम असमर्थ हो। क्या सत्य के भी अपने चहेते होते हैं? क्या सत्य जानबूझकर लोगों का विरोध कर सकता है? यदि तुम सत्य का अनुसरण करते हो, तो क्या यह तुम पर हावी हो सकता है? यदि तुम न्याय के लिए मजबूती से खड़े रहते हो, तो क्या यह तुम्हें चित कर देगा? यदि जीवन की तलाश सच में तुम्हारी आकांक्षा है, तो क्या जीवन तुम्हें चकमा दे सकता है?

2 यदि तुम्हारे अंदर सत्य नहीं है, तो इसका कारण यह नहीं है कि सत्य तुम्हें नजरअंदाज करता है, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम सत्य से दूर रहते हो; यदि तुम न्याय के लिए मजबूती से खड़े नहीं हो सकते हो, तो इसका कारण यह नहीं है कि न्याय के साथ कुछ गड़बड़ है, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम यह मानते हो कि यह तथ्यों के साथ मेल नहीं खाता; कई सालों तक जीवन की तलाश करने पर भी यदि तुमने जीवन प्राप्त नहीं किया है, तो इसका कारण यह नहीं है कि जीवन की तुम्हारे प्रति कोई चेतना नहीं है, बल्कि इसका कारण यह है कि तुम्हारे अंदर जीवन के प्रति कोई चेतना नहीं है, और तुमने जीवन को स्वयं से दूर कर दिया है; यदि तुम प्रकाश में जीते हो, लेकिन प्रकाश को पाने में असमर्थ रहे हो, तो इसका कारण यह नहीं है कि प्रकाश तुम्हें प्रकाशित करने में असमर्थ है, बल्कि यह है कि तुमने प्रकाश के अस्तित्व पर कोई ध्यान नहीं दिया है, और इसलिए प्रकाश तुम्हारे पास से खामोशी से चला गया है।

3 यदि तुम अनुसरण नहीं करते हो, तो यही कहा जा सकता है कि तुम एक ऐसे व्यक्ति हो जो किसी काम का नहीं है, तुम्हारे जीवन में बिलकुल भी साहस नहीं है, और तुम्हारे अंदर अंधकार की ताकतों का विरोध करने का हौसला नहीं है। तुम बहुत कमजोर हो! तुम उन शैतानी ताकतों से बचने में असमर्थ हो जिन्होंने तुम्हारी घेराबंदी कर रखी है, तुम ऐसा ही सकुशल और सुरक्षित जीवन जीना और अपनी अज्ञानता में मर जाना चाहते हो। जो तुम्हें हासिल करना चाहिए वह है जीत लिए जाने का तुम्हारा प्रयास; यह तुम्हारा परम कर्तव्य है। यदि तुम स्वयं पर विजय पाए जाने से संतुष्ट हो जाते हो तो तुम प्रकाश के अस्तित्व को दूर हटाते हो।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पतरस के अनुभव : ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान से रूपांतरित

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परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

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