16. परमेश्वर में आस्था के मार्ग पर चलने का संकल्प

यी शिन, चीन

चेन शियाओ का छोटा-सा प्यारा और सामंजस्य से भरपूर परिवार था और उसका पति उससे बहुत प्यार करता था। वह अपने सास-ससुर और पड़ोसियों के साथ भी बहुत अच्छी तरह से घुल-मिल गई थी और उसके रिश्तेदार और पड़ोसी उससे काफी ईर्ष्या करते थे। 2008 के वसंत में चेन शियाओ को सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य स्वीकारने का सौभाग्य मिला। परमेश्वर के वचन पढ़कर चेन शियाओ समझ गई कि मनुष्य परमेश्वर द्वारा सृजित किए गए हैं, वे जिस धूप, हवा और बारिश का आनंद लेते हैं, वह सब परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए हैं और उसे परमेश्वर के सुसमाचार का प्रचार करने के लिए सृजित प्राणी के रूप में अपना कर्तव्य निभाना था और ज्यादा लोगों को परमेश्वर का उद्धार स्वीकार करने के लिए परमेश्वर के सामने लाना था। चेन शियाओ खुशी-खुशी सुसमाचार का प्रचार करने वालों में शामिल हो गई। लेकिन यह अच्छी स्थिति लंबे समय तक नहीं चली, क्योंकि सीसीपी ने परमेश्वर की कलीसिया को मिटाने की कोशिश की, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को कलंकित करने और बदनाम करने के लिए तरह-तरह की अफवाहें गढ़ीं और सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने वालों की बेतहाशा गिरफ्तारियाँ शुरू कर दीं। उसका पति जो घर से दूर काम करता था, अफवाहों के झांसे में आकर अक्सर चेन शियाओ को फोन पर सलाह देता था कि वह अपनी आस्था छोड़ दे और उसका परिवार भी उसे परेशान करने लगा और उस पर दबाव बनाने लगा।

2010 की सर्दियों में एक दोपहर चेन शियाओ सुसमाचार का प्रचार करके अभी घर लौटी ही थी कि उसका बड़ा भाई आया, चेन शियाओ की ओर इशारा करते हुए उसने पूछा, “क्या तुम अभी भी परमेश्वर में विश्वास करती हो और सुसमाचार प्रचार के लिए इधर-उधर घूम रही हो? मुझे बेवकूफ मत समझो! राज्य परमेश्वर में इस विश्वास की अनुमति नहीं देता है और अगर तुम वास्तव में गिरफ्तार हो गई, तो हम फिर कभी लोगों के बीच अपना मुँह नहीं दिखा पाएँगे!” बोलते-बोलते उसने माता-पिता को कॉल करने के लिए अपना फोन निकाल लिया। कुछ ही देर में वे सभी आ गए। चेन शियाओ को एहसास हुआ कि उसके भाई ने उसे परमेश्वर में विश्वास करने से रोकने के लिए माता-पिता को बुलाया है, इसलिए उसने अपने दिल में परमेश्वर को पुकारा ताकि उसका दिल विचलित न हो। उसकी माँ ने उससे विनती की, “प्रिय, तुम्हारी आस्था की वजह से मुझे सारे दिन चिंता रहती है। मुझे डर रहता है कि कहीं तुम्हें एक दिन पुलिस गिरफ्तार न कर ले और हमारे पूरे परिवार को इस वजह से कष्ट न झेलना पड़े। तुम्हें अपनी माँ की बात माननी चाहिए, बस अपनी इस आस्था को छोड़ दो।” अपनी माँ को लगातार इस तरह विनती करते देख चेन शियाओ ने सोचा, “मुझे पालना-पोसना उसके लिए आसान नहीं रहा और अब मैं उसे चिंता में डाल रही हूँ और डरा रही हूँ। क्या यह मेरे लिए संतानोचित है?” चेन शियाओ अपनी माँ के चेहरे को और नहीं देख पाई और उसने अपना सिर दूसरी ओर घुमा लिया। इस दौरान धूम्रपान कर रहे उसके पिता ने गंभीरता से कहा, “सुनो बेटी! जैसा हम कहते हैं, वैसा कर लो, लोग कहते हैं न, ‘अपने जोखिम पर ही बड़ों की अनदेखी करो।’ हमारी इस दुनिया में अच्छे लोग कैसे जीवित रह सकते हैं? हमारा कोई रिश्तेदार सत्ता में नहीं है, इसलिए अगर तुम वास्तव में गिरफ्तार हो गई, तो न केवल तुम्हें कष्ट झेलना पड़ेगा बल्कि तुम पर जुर्माना भी लगेगा और अगर चीजें बिगड़ गईं, तो तुम सब कुछ गँवा सकती हो। सांस्कृतिक क्रांति के दौरान तुम्हारे परदादा को सरकार ने ‘धार्मिक समाज’ का हिस्सा होने के कारण गिरफ्तार किया था और लंबी सजा सुनाई थी। वह जेल में लगभग मर ही गए थे। बुद्धिमान व्यक्ति को पता होता है कि कब पीछे हटना है और उसे पत्थरों पर अंडे नहीं फेंकने चाहिए! बेटी, बस मेरी बात सुनो और इस आस्था को छोड़ दो। बस शांति से जियो ताकि पूरे परिवार को इसमें न घसीटा जाए।” चेन शियाओ अपने बुजुर्ग माता-पिता को इतना परेशान नहीं होने दे सकती थी और उसे चिंता थी कि अगर वास्तव में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसका परिवार फँस गया तो वह क्या करेगी। एक तरफ उसके बुजुर्ग माता-पिता थे और दूसरी तरफ सच्चे परमेश्वर में विश्वास और सही रास्ते पर चलना था। चेन शियाओ दुविधा में फँसी थी। फिर उसके भाई ने दृढ़ता से कहा, “सीसीपी सरकार नास्तिक है। जब तक तुम परमेश्वर में विश्वास करती रहोगी, तुम्हें शांति नहीं मिलेगी। न केवल तुम पीड़ित होती रहोगी बल्कि हमारा पूरा परिवार भी इसमें फँसा दिया जाएगा। क्या तुम्हें इतना जिद्दी होना चाहिए? बस अपने माता-पिता की बात सुनो और इस आस्था को छोड़ दो।” इस क्षण चेन शियाओ ने खुद को असमंजस की स्थिति में पाया और वह अनिश्चित थी कि आगे कैसे बढ़ूँ। वह केवल अपने दिल में चुपचाप प्रार्थना ही कर पाई, “परमेश्वर, मैं अपने परिवार की रुकावटों के आगे कमजोर महसूस कर रही हूँ। मुझे प्रबुद्ध करो और मेरा मार्गदर्शन करो।” प्रार्थना के बाद चेन शियाओ ने परमेश्वर के वचनों का एक अंश याद किया : “परमेश्वर द्वारा मनुष्य पर किए जाने वाले कार्य के प्रत्येक कदम में, बाहर से यह लोगों के मध्य अंतःक्रिया प्रतीत होता है, मानो यह मानव-व्यवस्थाओं द्वारा या मानवीय विघ्न से उत्पन्न हुआ हो। किंतु पर्दे के पीछे, कार्य का प्रत्येक कदम, और घटित होने वाली हर चीज, शैतान द्वारा परमेश्वर के सामने चली गई बाजी है और लोगों से अपेक्षित है कि वे परमेश्वर के लिए अपनी गवाही में अडिग बने रहें(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है)। परमेश्वर के वचनों से चेन शियाओ को समझ आया कि ऐसा लग रहा था कि उसका परिवार उसकी रुकावट बन रहा है, वास्तव में शैतान चाहता था कि उसके परिजन उसे बाधित करके परमेश्वर को त्यागने और विश्वासघात करने के लिए मजबूर कर दें, जिससे वह उद्धार पाने का अपना अवसर गँवा दे। शैतान सचमुच कपटी और दुर्भावनापूर्ण है! इसके अलावा हर किसी का भाग्य परमेश्वर के हाथों में है और जीवन में किसी व्यक्ति को किन चीजों का अनुभव करना चाहिए और उसे कौन सी पीड़ाएँ सहनी चाहिए, यह सब परमेश्वर द्वारा पूर्वनिर्धारित है। उसे गिरफ्तार किया जाएगा या उसके परिवार को फँसाया जाएगा, यह भी परमेश्वर द्वारा तय कर दिया गया है। उसे सब कुछ परमेश्वर को सौंप देना था और उसके आयोजनों और व्यवस्थाओं के लिए समर्पण करना था। चेन शियाओ ने चुपचाप परमेश्वर को उसके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया और संकल्प लिया : चाहे उसका परिवार कितनी भी रुकावटें डाले, वह कभी उनके आगे नहीं झुकेगी, शैतान के षडयंत्रों को सफल नहीं होने देगी। उसने दृढ़ता से अपने परिवार से कहा, “मैं परमेश्वर में विश्वास करती हूँ और सही मार्ग पर चलती हूँ। मैं गैरकानूनी काम नहीं करती या राजनीति में भाग नहीं लेती। मैं उद्धार के लिए अधिक लोगों को परमेश्वर के सामने लाने के लिए सुसमाचार का प्रचार करती हूँ। यह अच्छी बात है! आपमें परमेश्वर में विश्वास करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि आपको गिरफ्तारी का डर है, इसलिए मैं आपको मजबूर नहीं करूँगी, लेकिन मैं आपको अपनी आस्था में हस्तक्षेप नहीं करने दूँगी। मैं अंत तक परमेश्वर में विश्वास करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ।” यह सुनकर उसका पति असहाय दिखाई दिया और सिर झुकाकर धूम्रपान करता रहा। चेन शियाओ का दृढ़ निश्चय देखकर उसके माता-पिता गुस्से में वहाँ से चले गए। उसके भाई ने फिर चेन शियाओ के पति से कठोरता से कहा, “अगर यह नहीं सुनती और अपनी इस आस्था पर अड़ी रहती है, तो उसके पैर तोड़ दो!” यह कहने के बाद वह गुस्से में भड़क गया। अपने भाई की बातें सुनकर चेन शियाओ डर गई और भ्रमित हो गई, “लेकिन तुम मेरे भाई हो! परमेश्वर में मेरी आस्था अच्छी बात है, तुम मेरे प्रति इतने निर्दयी कैसे हो सकते हो?” जब उसने सोचा कि परमेश्वर में विश्वास करने का मतलब है रिश्तेदारों से गलतफहमी और तिरस्कार सहना, तो वह सोचने लगी कि वह आगे की राह पर कैसे चलेगी। चेन शियाओ खुद को थोड़ा कमजोर महसूस करने से नहीं रोक पाई और उसने जल्दी से दिल में परमेश्वर को पुकारा, “परमेश्वर, मुझे आस्था और शक्ति दो और आगे के रास्ते पर मेरी अगुआई करो।”

इसके बाद चेन शियाओ को परमेश्वर के वचनों का एक अंश याद आया : “तुम लोगों के बीच एक भी व्यक्ति नहीं है जो व्यवस्था द्वारा सुरक्षित है—इसके बजाय, तुम व्यवस्था द्वारा दण्ड के भागी ठहराए जाते हो। इससे भी अधिक समस्यात्मक यह है कि लोग, तुम लोगों को समझते नहीं हैं : चाहे वे तुम्हारे रिश्तेदार हों, तुम्हारे माता-पिता, तुम्हारे मित्र, या तुम्हारे सहकर्मी हों, उनमें से कोई भी तुम लोगों को समझता नहीं है। जब परमेश्वर द्वारा तुम लोगों को त्याग दिया जाता है, तब तुम लोगों के लिए पृथ्वी पर और रह पाना असंभव हो जाता है, किंतु फिर भी, लोग परमेश्वर से दूर होना सहन नहीं कर सकते हैं, जो परमेश्वर द्वारा लोगों पर विजय प्राप्त करने का महत्व है, और यही परमेश्वर की महिमा है(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, क्या परमेश्वर का कार्य उतना सरल है जितना मनुष्य कल्पना करता है?)। चेन शियाओ ने परमेश्वर के वचनों पर चिंतन-मनन किया और समझा कि सीसीपी परमेश्वर को नकारती है और परमेश्वर का विरोध करती है, सीसीपी द्वारा शासित नास्तिक देश में परमेश्वर में विश्वास रखने से व्यक्ति को सीसीपी के उत्पीड़न और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ेगा, साथ ही अपने परिवार से गलतफहमी या यहाँ तक कि तिरस्कार भी झेलना पड़ेगा और इन सभी चीजों को टाला नहीं जा सकता। अंत के दिनों में परमेश्वर मानवता को बचाने के लिए सत्य व्यक्त करने आया है और सीसीपी पागलों की तरह मसीह का विरोध और निंदा कर रही है, ईसाइयों को गिरफ्तार करके सता रही है और लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने और उसका अनुसरण करने से रोकने के लिए सभी प्रकार के घृणित साधनों का उपयोग कर रही है; वे दूर-दूर तक बैनर और पोस्टर लगा रहे हैं, अफवाहें गढ़ रहे हैं, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को बदनाम कर रहे हैं और उस पर लांछन लगा रहे हैं, परमेश्वर के कार्य को कलंकित करने और निंदा करने के लिए सभी प्रकार के झूठ गढ़ रहे हैं। यहाँ तक कि ईसाइयों के परिजनों को भी दबाया और सताया जाता है, एक व्यक्ति की आस्था के चलते पूरे परिवार को फँसा दिया जाता है। ऐसा उनके परिवारों की ओर से ईसाइयों के प्रति असंतोष और नफरत भड़काने के लिए किया जाता है। बहुत से लोग जो सत्य नहीं समझते, सीसीपी ने उनकी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है और वे उसके साथी बन गए हैं। चेन शियाओ ने सोचा कि उसके परिवार को इन निराधार अफवाहों से गुमराह और भयभीत किया जा रहा है। फँसाए जाने के डर से वह सीसीपी के साथ खड़ा हो गया, उसे सताया और परमेश्वर में उसकी आस्था के आगे रुकावट डाली, जिससे एक सामंजस्यपूर्ण परिवार में अशांति फैल गई। इन सब के पीछे सीसीपी का दिमाग है, यह शैतानी शासन है! चेन शियाओ ने साफ तौर पर देखा कि सीसीपी शैतान की अवतार है, वह दानव जो लोगों को निगल जाती है! वह अपने दिल की गहराई से इस दानव से नफरत करती थी और उसने हमेशा परमेश्वर का अनुसरण करने के लिए इसके बंधन और बाधाएँ तोड़ने का संकल्प लिया।

2011 की सर्दियों में एक दिन नाश्ते के बाद चेन शियाओ सुसमाचार का प्रचार करने बाहर गई। इस दौरान जब उसका पति दोस्तों के साथ शराब पीने गया तो एक दोस्त ने चेन शियाओ के पति को भड़काते हुए कहा, “राज्य लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने की अनुमति नहीं देता। चेन शियाओ परमेश्वर में विश्वास करती है और सुसमाचार प्रचार के लिए हर जगह जाती है, यदि तुमने उस पर नियंत्रण नहीं रखा और वह गिरफ्तार हो गई, तो यह तुम्हारे लिए मुसीबत बन सकती है!” दोपहर को चेन शियाओ घर लौटी और जब उसने अपने पति को चीजें खंगालते देखा, तो उसका दिल दहल गया। उसके पति को सिलाई के लिए इस्तेमाल होने वाले बोर्ड के नीचे कागज का टुकड़ा मिला जिस पर परमेश्वर के वचन लिखे थे, उसे फाड़ते हुए वह दहाड़ा, “मैंने तुमसे कितनी बार कहा है? राज्य परमेश्वर में विश्वास करने की अनुमति नहीं देता, फिर भी तुम विश्वास करती हो! तुम सुनती क्यों नहीं?” यह कहते हुए उसने चेन शियाओ की छाती पर कई बार मुक्के मारे। चेन शियाओ वार से कुछ कदम पीछे हट गई, फिर अपने आप को सँभालकर गुस्से में बोली, “मैं परमेश्वर में विश्वास करके कोई नुकसान नहीं करती, तुम मुझे परमेश्वर में विश्वास क्यों नहीं करने देते?” चेन शियाओ के यह कहने पर उसके पति ने उसके पैर पर जोर से लात मारना शुरू कर दिया और ऐसा करते हुए बोला, “जब मैं बाहर जाता हूँ, तो मेरे दोस्त मुझ पर हँसते हैं कि मैं अपनी पत्नी पर काबू नहीं कर पा रहा हूँ, मेरी इज्जत चली गई है! मैं उन्हें दिखाऊँगा कि कौन किसके काबू में है!” बीच-बचाव के लिए जल्दी से उनका बेटा आ गया, लेकिन पति उसे लात मारता रहा और चेन शियाओ लगभग लड़खड़ाकर गिर ही गई। अपने पति की पिटाई से बचने के लिए चेन शियाओ दरवाजे से बाहर भागी। उसका पति जल्दी से उसके पीछे गया, सड़क के किनारे से उसने ईंट उठाई और चेन शियाओ पर फेंकी, जो उसकी एड़ी पर जाकर लगी। वह अपनी जान बचाने के लिए भागी और जब वह पीछे मुड़ी तो उसने देखा कि उसका पति कई फीट लंबी मोटी छड़ी लेकर उसका पीछा कर रहा था। चेन शियाओ घबरा गई और ज्यादा दूर नहीं जा पाई थी कि उसके पति ने उसे छड़ी मारकर गिरा दिया। उसके पति ने फिर छड़ी उठाकर चेन शियाओ को पागलों की तरह पीटा, पीटते हुए वह उसे कोसता रहा, “अगर तुमने अपनी यह आस्था न छोड़ी तो मैं तुम्हें पीट-पीटकर मार डालूँगा!” वह तब जाकर रुका जब छड़ी दो टुकड़े हो गई। चेन शियाओ अपने दिल में परमेश्वर को पुकारती रही और फिर एक पड़ोसी बाहर आकर उसके पति को खींचकर ले गया। चेन शियाओ को इतनी बुरी तरह पीटा गया था कि उसके पूरे शरीर में असहनीय दर्द था। वह उठने के लिए संघर्ष करती रही और लंगड़ाती हुई अपनी बड़ी बहन के घर गई। जब उसकी बहन ने चेन शियाओ के हाथ-पैरों पर चोटें देखीं, तो उसे बहुत दुख हुआ और उसने रोते हुए कहा, “तुम बस अपने परमेश्वर में विश्वास कर रही हो और फिर भी तुम्हारा पति इतना क्रूर है! वह तुम्हें इस तरह कैसे पीट सकता है?”

उस रात चेन शियाओ बिस्तर पर पड़ी दर्द में करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई। उसने सोचा कि उसका परिवार कितना सामंजस्यपूर्ण हुआ करता था और उसके पति ने कभी उससे बहस नहीं की थी। लेकिन बस परमेश्वर में उसकी आस्था के कारण उसका पति उसे पीटने और कोसने लगा था। चेन शियाओ अंदर से कमजोर महसूस कर रही थी और वह परमेश्वर को पुकारती रही, “परमेश्वर, अपने परिवार के उत्पीड़न और तिरस्कार और सीसीपी की गिरफ्तारियों से जूझते हुए मैं बहुत कमजोर महसूस कर रही हूँ। मैं आगे कैसे बढ़ूँ?” प्रार्थना करने के बाद चेन शियाओ को परमेश्वर के वचनों का एक अंश याद आया जो उसने एक सभा के दौरान पढ़ा था : “तुम सब लोगों को शायद ये वचन स्मरण हों : ‘क्योंकि हमारा पल भर का हल्का-सा क्लेश हमारे लिये कहीं अधिक और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।’ तुम सब लोगों ने पहले भी ये वचन सुने हैं, किंतु तुममें से कोई भी इनका सच्चा अर्थ नहीं समझा। आज तुम उनकी वास्तविक महत्ता से गहराई से अवगत हो। ये वचन परमेश्वर द्वारा अंत के दिनों के दौरान पूरे किए जाएँगे और वे उन लोगों में पूरे किए जाएँगे जिन्हें बड़े लाल अजगर द्वारा निर्दयतापूर्वक उत्पीड़ित किया गया है, उस देश में जहाँ वह कुण्डली मारकर बैठा है। बड़ा लाल अजगर परमेश्वर को सताता है और परमेश्वर का शत्रु है, इसीलिए इस देश में लोगों को परमेश्वर में विश्वास रखने के कारण अपमान और अत्याचार का सामना करना पड़ता है और परिणामस्वरूप ये वचन तुम लोगों में, लोगों के इस समूह में पूरे किए जाते हैं(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, क्या परमेश्वर का कार्य उतना सरल है जितना मनुष्य कल्पना करता है?)। परमेश्वर के वचनों पर चिंतन-मनन करते हुए चेन शियाओ को समझ आया कि अब जब परमेश्वर अंत के दिनों में उस देश में काम करने और लोगों को बचाने के लिए आया है जहाँ परमेश्वर के खिलाफ विरोध और उत्पीड़न सबसे गंभीर है, तो जो लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं उन्हें इस उत्पीड़न और क्लेश का अनुभव करना होगा और उन्हें इन कठिनाइयों को सहना होगा। परमेश्वर ऐसी स्थितियों का उपयोग लोगों को सत्य प्रदान करने के लिए करता है, जिससे वे उत्पीड़न और क्लेश के बीच बड़े लाल अजगर की बुरी, नीच, कपटी और क्रूर प्रकृति को देख सकें और परमेश्वर के दुश्मन के रूप में उसका राक्षसी चेहरा पहचान सकें। यह लोगों को इसे ठुकराने, त्यागने और शैतान को अपमानित करते हुए परमेश्वर के लिए अपनी गवाही में अडिग रहने में सक्षम बनाता है। केवल वे लोग जो उत्पीड़न और क्लेश का अनुभव करने के बाद अंततः अपनी गवाही में अडिग रह पाते हैं, वे ही अनंत आशीष प्राप्त करने के योग्य हैं। उसने यह भी सोचा कि कैसे सर्वोच्च परमेश्वर एक नास्तिक देश में कार्य करने और मानवता को बचाने आया है, धर्मनिरपेक्ष दुनिया के लोगों द्वारा उपहास, अपमान, बदनामी, तिरस्कार, सताए जाने और शिकार किया जाना सहन किया। उसके पास सोने के लिए कोई जगह नहीं थी, फिर भी उसने मानवता को बचाने का प्रयास कभी नहीं छोड़ा। चेन शियाओ ने मन में सोचा, “उसकी तुलना में मेरी थोड़ी सी पीड़ा क्या है?” यह सोचने पर चेन शियाओ को लगा कि उसकी आस्था बहुत छोटी है। उसने महसूस किया कि इस छोटी सी पीड़ा के कारण उसका नकारात्मक और कमजोर हो जाना और यहाँ तक कि परमेश्वर के विरुद्ध गलतफहमी और शिकायत करना, इसका मतलब है कि उसके पास वास्तव में अंतरात्मा और विवेक की कमी है! उसने यह भी पहचाना कि अपनी आस्था में उद्धार पाने के लिए पीड़ा सहना मूल्यवान और सार्थक था और वह अपने दिल में परमेश्वर का धन्यवाद और उसकी स्तुति करती रही! जैसे-जैसे उसे अपने दिल में मुक्ति का अधिक एहसास हुआ, उसके शरीर की पीड़ा भी काफी हद तक कम हो गई और इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, उसे नींद आ गई।

अगली सुबह चेन शियाओ घर लौट आई। उसके पति ने उसकी ओर इशारा करते हुए कहा, “अगर तुम बस इतना कह दो कि तुम अपनी आस्था छोड़ दोगी, तो मैं तुम्हारे साथ एक राजकुमारी की तरह व्यवहार करूँगा और तुम्हारा पोषण करूँगा और तुम्हें कोई काम नहीं करना पड़ेगा। अगर तुम बस अपनी आस्था छोड़ दो, तो तुम जो चाहो कर सकती हो!” यह सुनकर चेन शियाओ ने मन ही मन सोचा, “जब से हमारी शादी हुई है, मैं अथक परिश्रम करती रही हूँ, देर रात तक जागती हूँ और दूसरों के लिए कपड़े बनाने में कड़ी मेहनत करती हूँ ताकि घर चला सकूँ। मैंने खुद को इस हद तक थका दिया है कि मैं बीमारियों से ग्रस्त हो गई हूँ और मैंने अपने दिन इस परिवार में अपना दिल और आत्मा उड़ेलने में बिताए हैं। अब सिर्फ मेरी आस्था के कारण तुमने हमारे वैवाहिक बंधन की अवहेलना की है और मुझे बेरहमी से पीटा है। क्या तुम इंसान हो भी?” चेन शियाओ को एहसास हुआ कि उसका पति तब तक नहीं रुकेगा जब तक वह उसे परमेश्वर से विश्वासघात करने के लिए मजबूर नहीं कर देता। जितना अधिक उसने इस बारे में सोचा, उतना ही अधिक वह क्रोधित हो गई। उसे परमेश्वर के वचनों का एक अंश याद आया जो उसने पहले पढ़ा था : “पति अपनी पत्नी से क्यों प्रेम करता है? पत्नी अपने पति से क्यों प्रेम करती है? बच्चे क्यों माता-पिता के प्रति कर्तव्यशील रहते हैं? और माता-पिता क्यों अपने बच्चों से अतिशय स्नेह करते हैं? लोग वास्तव में किस प्रकार की इच्छाएँ पालते हैं? क्या उनकी मंशा उनकी खुद की योजनाओं और स्वार्थी आकांक्षाओं को पूरा करने की नहीं है? ... एक विश्वासी पति और अविश्वासी पत्नी के बीच कोई संबंध नहीं होता और विश्वासी बच्चों और अविश्वासी माता-पिता के बीच कोई संबंध नहीं होता; ये दोनों तरह के लोग पूरी तरह असंगत हैं। विश्राम में प्रवेश करने से पहले, लोगों में दैहिक, पारिवारिक स्नेह होता है, लेकिन एक बार जब वे विश्राम में प्रवेश कर जाते हैं, फिर दैहिक, पारिवारिक स्नेह जैसी कोई बात नहीं रह जाती(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर और मनुष्य साथ-साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे)। उसे यह भी याद आया कि प्रभु यीशु ने कहा था : “यदि संसार तुम से बैर रखता है, तो तुम जानते हो कि उसने तुम से पहले मुझ से बैर रखा। यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रेम रखता; परन्तु इस कारण कि तुम संसार के नहीं, वरन् मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है, इसी लिये संसार तुम से बैर रखता है(यूहन्ना 15:18-19)। चेन शियाओ ने परमेश्वर के वचनों पर चिंतन-मनन किया। फिर उसे याद आया कि कैसे उसने पैसे कमाने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत से काम किया था, बुजुर्गों और बच्चों दोनों की देखभाल की थी। जब उसके पति को फायदा हुआ, तभी उसने उसकी परवाह की। जब उसने परमेश्वर को पाया तो उसके पति का असली चेहरा सामने आ गया, क्योंकि उसे डर था कि अगर सीसीपी ने उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया तो वह फँस जाएगा और उसके हितों को खतरा होगा। उसने अपने हितों की रक्षा के लिए अपने वैवाहिक बंधन को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया, परमेश्वर में उसकी आस्था में रुकावट डालने के लिए वह सब कुछ किया जो वह कर सकता था, यहाँ तक कि हिंसा का सहारा भी लिया। तब चेन शियाओ को एहसास हुआ कि उसके पति को उससे बिल्कुल भी सच्चा प्यार नहीं था। विश्वासी और अविश्वासी वास्तव में एक साथ नहीं रह सकते। उसके पति का सार एक शैतान का था जिसे परमेश्वर से नफरत थी और जो उसका विरोध करता था। वह परमेश्वर का दुश्मन था। यह सोचकर चेन शियाओ को समझ आया कि उसे कैसे अभ्यास करना है। यह देखकर कि सभा का समय निकट है, उसने बुद्धिमानी से अपने पति से कहा, “चूँकि तुम मेरे साथ इतने क्रूर रहे हो, इसलिए मैं स्पष्ट रूप से देख पाती हूँ कि तुम वास्तव में किस तरह के व्यक्ति हो। मैं परमेश्वर में विश्वास करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ! तुमने मुझे जिस तरह से पीटा है उससे मेरे पूरे शरीर में अभी भी दर्द है, अभी मुझे इंजेक्शन और कुछ दवा लेने जाना है।” यह कहकर चेन शियाओ सभा में चली गई।

2017 की गर्मियों में चेन शियाओ हमेशा की तरह नाश्ते के बाद एक सभा में गई। सभा के बाद जैसे ही वह अपने दरवाजे पर पहुँची, उसने अपनी सास और माँ को बाहर बैठे देखा। चेन शियाओ ने उनके पीले चेहरे देखे, जिन पर अभी भी आँसू थे, लेकिन उसे पता नहीं था कि क्या हुआ है। चेन शियाओ को देखकर उसकी सास ने जल्दी से उससे कहा, “आज सुबह अधिकारियों का एक समूह दो पुलिस कारों में आया था और उन्होंने कहा कि किसी ने रिपोर्ट की है कि तुम परमेश्वर में विश्वास करती हो और वे तुम्हें ‘पुनः शिक्षा’ के लिए पुलिस थाने ले जाना चाहते हैं। मैंने उन्हें बताया कि तुम यात्रा कर रही हो, लेकिन उन्हें मेरी बात पर यकीन नहीं था और वे तुम्हारे ठिकाने के बारे में पूछते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तुम लौटोगी, तो हमें उन्हें तुरंत फोन करना होगा और अगर हमने ऐसा नहीं किया, तो हम अपराधी को शरण देने वाले माने जाएँगे।” उसकी माँ ने अपने आँसू पोंछे और काँपते हुए कहा, “तुम्हारे आने से कुछ देर पहले ही पुलिस गई है, तुम बाल-बाल बची हो! तुम्हें जल्दी से अपनी बहन के घर जाकर छिप जाना चाहिए!” यह सुनकर कि पुलिस उसे गिरफ्तार करने आई थी, चेन शियाओ बहुत घबरा गई और उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। बिना अधिक सोचे वह परमेश्वर के वचनों की किताबें और कुछ कपड़े लेने अंदर भागी और जल्दी से अपनी इलेक्ट्रिक बाइक पर सवार होकर चली गई। यह सुनकर कि पुलिस चेन शियाओ को गिरफ्तार करने आई थी, उसका पति अपने चचेरे भाई के साथ चेन शियाओ की बहन के घर गया। उसकी चचेरी बहन ने उसे सलाह दी, “सरकार फिलहाल सभी जगहों पर विश्वासियों को गिरफ्तार कर रही है और पुलिस ने कहा है कि चीन में परमेश्वर में विश्वास करना अवैध है और जब तक परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति है जो परमेश्वर में विश्वास करता है, तब तक बच्चों को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा या उन्हें सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी और बुजुर्गों के कल्याण की सेवा रद्द कर दी जाएगी। यदि तुम अपनी आस्था जारी रखोगी, तो तुम अपने साथ बुजुर्गों और बच्चों को भी नीचे खींच लोगी। तुम्हें पूरे परिवार के बारे में सोचना चाहिए।” उसके पति ने कहा, “इतना सब कुछ हो चुका है, तुम्हें कोई नहीं समझा सकता और यदि तुम अपने परमेश्वर में विश्वास करना जारी रखती हो, तो हमारा परिवार जी नहीं पाएगा!” चेन शियाओ को अपने पति की बातें सुनकर कुछ कमजोरी महसूस हुई और उसने सोचा, “हमारा बच्चा विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा देने वाला है और यदि परमेश्वर में मेरा विश्वास हमारे बच्चे के विश्वविद्यालय जाने के आड़े आता है और मेरा परिवार फँसा दिया जाता है, तो मेरा परिवार निश्चित रूप से मुझे दोषी ठहराएगा।” चेन शियाओ को संकट की लहर महसूस हुई, तो उसने तुरंत परमेश्वर से प्रार्थना की, “परमेश्वर! आज मैं तुम्हारी अनुमति से इस स्थिति का सामना कर रही हूँ और मुझे पता है कि सीसीपी भी तुम्हारे हाथों में है। मुझे प्रबुद्ध करो और अपना इरादा समझने में मेरा मार्गदर्शन करो।” प्रार्थना करने के बाद चेन शियाओ को परमेश्वर के वचनों के कुछ अंश याद आए जो उसने पहले पढ़े थे : “जिस क्षण तुम रोते हुए इस दुनिया में आते हो उसी पल से तुम अपनी जिम्मेदारियाँ निभाना शुरू कर देते हो। परमेश्वर की योजना और उसके विधान की खातिर तुम अपनी भूमिका निभाते हो और अपनी जीवन यात्रा शुरू करते हो। तुम्हारी पृष्ठभूमि जो भी हो और तुम्हारी आगे की यात्रा जैसी भी हो, किसी भी स्थिति में कोई भी स्वर्ग के आयोजनों और व्यवस्थाओं से बच नहीं सकता और कोई भी अपनी नियति को नियंत्रित नहीं कर सकता, क्योंकि जो सभी चीजों का संप्रभु है सिर्फ वही ऐसा करने में सक्षम है(वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है)। “कोई किस व्यवसाय को अपनाता है, कोई आजीविका के लिए क्या करता है, और कोई जीवन में कितनी धन-सम्पत्ति संचित करता है, यह उसके माता-पिता, उसकी प्रतिभा, उसके प्रयासों या उसकी महत्वाकांक्षाओं से तय नहीं होता, बल्कि सृजनकर्ता द्वारा पूर्व निर्धारित होता है(वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III)। चेन शियाओ को परमेश्वर के वचनों से समझ आ गया कि किसी व्यक्ति का भाग्य स्वर्ग द्वारा पूर्वनिर्धारित है। उसने सोचा, “मैं सिर्फ एक छोटी सी सृजित प्राणी हूँ, जो अपना भाग्य नियंत्रित करने में असमर्थ है। इसके अलावा क्या मेरे बच्चे का भाग्य भी परमेश्वर के हाथों में नहीं है? मेरा बच्चा विश्वविद्यालय जा सकता है या नहीं, यह किसी सरकार या व्यक्ति द्वारा निर्धारित नहीं होता है। मुझे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं, यह भी पुलिस द्वारा निर्धारित नहीं होता।” यह समझने के बाद चेन शियाओ को पता चल गया कि अभ्यास कैसे करना है। जहाँ तक यह सवाल है कि क्या उनका बच्चा विश्वविद्यालय जा पाएगा या नहीं और क्या उसे गिरफ्तार करके जेल में डाला जाएगा या नहीं, वह इन सभी चीजों को परमेश्वर को सौंपने और उसकी संप्रभुता और व्यवस्थाओं के प्रति समर्पण करने को तैयार हो गई।

चेन शियाओ के पति ने उसका दृढ़ संकल्प देखा और देखा कि वह अपनी आस्था में बनी रहने के लिए दृढ़ थी। वह उससे बोला, “तुम पर पुलिस की नजर है और तुम्हें छिप जाना चाहिए। तुम अब और अपनी गर्दन बाहर नहीं निकाल सकती। तुम मेरे साथ शिनजियांग में काम करने क्यों नहीं आ जाती ताकि कुछ समय के लिए छिप सको?” चेन शियाओ को एहसास हुआ कि उसका पति उसे बड़े रेगिस्तान में ले जाना चाहता था, जहाँ वह परमेश्वर के वचन नहीं पढ़ पाएगी या अपने भाई-बहनों के साथ सभाओं में शामिल नहीं हो पाएगी। उसका उद्देश्य अभी भी परमेश्वर में उसकी आस्था में बाधा डालना था। चेन शियाओ दिल में प्रार्थना करती रही, परमेश्वर से शैतान के षडयंत्रों पर विजय पाने के लिए आस्था देने को कहती रही। प्रार्थना के बाद उसने दृढ़ता से कहा, “मेरी सेहत अच्छी नहीं है और मैं वहाँ काम नहीं कर सकती। मैं नहीं जा रही हूँ!” यह देखकर कि वह उसे मना नहीं सकता, उसके पति ने गुस्से में कहा, “जरा देखो, तुमने पूरे पुलिस थाने को गुस्सा दिला दिया है और जब विश्वविद्यालय में प्रवेश की बात आएगी तो हमारा बच्चा भी प्रभावित होगा। मैं इस पर अपनी इज्जत नहीं जाने दे सकता। मैं तलाक चाहता हूँ!” अपने पति को यह कहते हुए सुनकर चेन शियाओ को अपने भीतर एक भयंकर संघर्ष महसूस हुआ। उसने सोचा, “अगर मेरे पति ने वास्तव में मुझे तलाक दे दिया, तो हमारे बच्चे की देखभाल कौन करेगा? मैं गुजारा कैसे करूँगी?” इन बातों के बारे में सोचकर चेन शियाओ को बहुत पीड़ा हुई। अपनी पीड़ा में चेन शियाओ को परमेश्वर के वचनों का एक भजन याद आया जिसे वह अक्सर गाया करती थी :

सत्य के लिए तुम्हें सब कुछ त्याग देना चाहिए

1  तुम्हें सत्य के लिए कष्ट उठाने होंगे, तुम्हें सत्य के लिए खुद को बलिदान करना होगा, तुम्हें सत्य के लिए अपमान सहना होगा और तुम्हें और अधिक सत्य प्राप्त करने की खातिर और अधिक कष्ट सहना होगा। यही तुम्हें करना चाहिए। पारिवारिक सामंजस्य का आनंद लेने के लिए तुम्हें सत्य का त्याग नहीं करना चाहिए और तुम्हें अस्थायी आनन्द के लिए जीवन भर की गरिमा और सत्यनिष्ठा को नहीं खोना चाहिए।

2  तुम्हें उस सबका अनुसरण करना चाहिए जो खूबसूरत और अच्छा है और तुम्हें जीवन में एक ऐसे मार्ग का अनुसरण करना चाहिए जो ज्यादा अर्थपूर्ण है। यदि तुम ऐसा साधारण और सांसारिक जीवन जीते हो और आगे बढ़ने के लिए तुम्हारा कोई लक्ष्य नहीं है तो क्या इससे तुम्हारा जीवन बर्बाद नहीं हो रहा है? ऐसे जीवन से तुम्हें क्या हासिल हो सकता है? तुम्हें एक सत्य के लिए देह के सभी सुखों का त्याग करना चाहिए, और थोड़े-से सुख के लिए सारे सत्यों का त्याग नहीं कर देना चाहिए। ऐसे लोगों में कोई सत्यनिष्ठा या गरिमा नहीं होती; उनके अस्तित्व का कोई अर्थ नहीं होता!

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पतरस के अनुभव : ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान

चेन शियाओ को समझ आ गई थी कि सत्य हासिल करने के लिए व्यक्ति को क्षणिक देह सुख त्याग देने चाहिए और अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए और ऐसा सृजित प्राणी बनना चाहिए जो परमेश्वर की गवाही देने के लिए मानक पर खरा उतरे और तभी जीवन का अर्थ है। उसने देखा कि परमेश्वर में उसका विश्वास और उसका कर्तव्य निभाना सही मार्ग है, अगर वह भौतिक सुखों में लिप्त होने और पारिवारिक सद्भाव का आनंद लेने के लिए परमेश्वर में अपनी आस्था त्याग देती है, तो वह परमेश्वर के सामने जीने लायक नहीं रहेगी और उद्धार का अपना मौका गँवा देगी। इसलिए चेन शियाओ ने अपने पति से कहा, “अगर तुम तलाक लेना चाहते हो, तो ले लो। भले ही हमारा तलाक हो जाए, मैं फिर भी परमेश्वर में विश्वास करूँगी और हमेशा उसका अनुसरण करूँगी!” उसका पति अवाक रह गया और अपनी बहन के घर से बाहर निकल गया। बाद में उसके पति और परिवार ने देखा कि चाहे वे उसे कैसे भी रोकने की कोशिश करें, चेन शियाओ नहीं झुकेगी, तो उन्होंने उसकी आस्था की परवाह करना बंद कर दिया। तब से चेन शियाओ सभाओं में भाग लेने और स्वतंत्र रूप से अपना कर्तव्य निभाने में सक्षम हो गई।

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