213  शुद्धिकरण के दौरान परमेश्वर से प्रेम कैसे करें

शुद्धिकरण के दौरान ईश्वर से कैसे प्रेम करे इंसान?


1

इसे ईश-प्रेम के संकल्प संग स्वीकारो।

इस दौरान तुम दुखी होते अंदर से। लगेगा जैसे दिल पर छुरी चल रही हो।

पर अपने प्रेम से तुम ईश्वर को संतुष्ट करने को तैयार हो,

तुम देह की फिक्र नहीं करते। यही ईश-प्रेम के अभ्यास के मायने हैं।


यही अभ्यास है शुद्धिकरण के दौरान।

ईश-प्रेम को बुनियाद बनाकर, शुद्धिकरण से तुम ईश्वर के करीब आओगे,

तुम उसके अंतरंग बन जाओगे।


2

तुम आहत हो, दर्द तुम्हारा गहरा है, फिर भी तुम प्रार्थना करते हो, कहते हो:

"हे ईश्वर, मैं छोड़ न पाऊँ तुझे। है अंधकार मेरे भीतर,

पर ये भी सच है कि मैं संतुष्ट करना चाहूँ तुझे।

हे ईश्वर, तू मेरे दिल को जाने। तू अपना प्रेम और अधिक मुझमें भर दे।"


यही अभ्यास है शुद्धिकरण के दौरान।

ईश-प्रेम को बुनियाद बनाकर,

शुद्धिकरण से तुम ईश्वर के करीब आओगे, तुम उसके अंतरंग बन जाओगे।


3

शुद्धिकरण में, इंसान शैतानी ताकतों का शिकार बने।

ऐसे में तुम ईश्वर से कैसे प्रेम करो?

इच्छा पैदा करो, ईश्वर को अपना दिल अर्पित करो,

अपना शेष जीवन उसे दे दो।

वो जैसे चाहे तुम्हारा शोधन करे,

ईश-हृदय को सुख देने, सत्य पर अमल करो, ईश्वर को खोजो, संगति करो।


शायद तुम अपना काम अच्छे से न कर पाओ,

पर यही तुम कर पाओ, ये सब ईश-प्रेम की ख़ातिर है।

लोग चाहे जो सोचें, सही हैं इरादे तुम्हारे,

तुम दंभी नहीं, क्योंकि तुम ईश्वर की तरफ़ से कार्य करते।


यही अभ्यास है शुद्धिकरण के दौरान। ईश-प्रेम को बुनियाद बनाकर,

शुद्धिकरण से तुम ईश्वर के करीब आओगे, तुम उसके अंतरंग बन जाओगे।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल शुद्धिकरण का अनुभव करके ही मनुष्य सच्चे प्रेम से युक्त हो सकता है से रूपांतरित

पिछला:  212  इंसान का शोधन बेहद सार्थक है परमेश्वर के द्वारा

अगला:  214  परमेश्वर द्वारा मनुष्य को पूर्ण बनाने का सर्वोत्तम साधन शोधन है

संबंधित सामग्री

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger