296  हम बचाए गए हैं क्योंकि हमें परमेश्वर ने चुना है

1

हालाँकि पैदा होकर रहते मलिन धरती पर हम,

ईश्वर राह दिखाता, बचाता, और जीत लेता हमें।

आज़ाद कर लिया ख़ुद को शैतान के असर से हमने।

हमारे आज्ञापालन की वजह हमारी नेकी या ईश्वर-प्रेम नहीं है।

वजह है: परमेश्वर ने चुना है, नियत किया है हमें,

आज जीत लिए गए हैं, गवाही दे सकते हैं हम,

उसकी गवाही दे सकते हैं हम, उसकी सेवा कर सकते हैं हम।


परमेश्वर ने चुना और रक्षा की, तभी बचाया गया हमें,

और अब शैतान के कब्ज़े से छुड़ाया है हमें।

उसने बचाया हमें, मलिनता को त्याग सकते हैं हम,

शुद्ध हो सकते हैं बड़े लाल अजगर के देश में हम।

हम बचाए गए हैं, क्योंकि परमेश्वर ने चुना है हमें।


2

हाँ, इंसानों में सबसे भ्रष्ट हैं हम।

ये सच है, ईश्वर का आदेश है, इसे नकारा नहीं जा सकता।

मगर असर से बच गए हम, त्याग दिया उसे,

घृणा है अपने पुरखों से हमें, मुँह मोड़ लेते हैं उनकी ओर से हम।

ईश्वर की व्यवस्थाओं का पालन करने को तैयार हैं हम।

ईश्वर की इच्छा के मुताबिक काम करके, उसे संतुष्ट करना चाहेंगे हम।

उसकी अपेक्षाओं को पूरा करने को तैयार हैं हम।


परमेश्वर ने चुना और रक्षा की, तभी बचाया गया हमें,

और अब शैतान के कब्ज़े से छुड़ाया है हमें।

उसने बचाया हमें, मलिनता को त्याग सकते हैं हम,

शुद्ध हो सकते हैं बड़े लाल अजगर के देश में हम।

हम बचाए गए हैं, क्योंकि परमेश्वर ने चुना है हमें।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, विजय के कार्य की आंतरिक सच्चाई (2) से रूपांतरित

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