297  तुम्हें अय्यूब और पतरस की गवाहियाँ हासिल करनी चाहिए

1

तुम कह सकते हो कि तुम पर विजय पा ली गई है, पर क्या तुम मृत्युपर्यंत समर्पित रह सकते हो?

इस बात की परवाह किए बिना कि इसमें कोई संभावना है या नहीं,

तुम्हें बिल्कुल अंत तक अनुसरण करने में सक्षम होना चाहिए,

और कैसा भी परिवेश हो, तुम्हें परमेश्वर में विश्वास नहीं खोना चाहिए।

अतंतः तुम्हें गवाही के दो पहलू प्राप्त करने चाहिए :

अय्यूब की गवाही—मृत्युपर्यंत समर्पण;

और पतरस की गवाही—परमेश्वर से परम प्रेम।

और पतरस की गवाही—परमेश्वर से परम प्रेम।


2

एक मामले में तुम्हें अय्यूब की तरह होना चाहिए :

उसने समस्त भौतिक संपत्ति गँवा दी और शारीरिक पीड़ा से घिर गया,

फिर भी उसने यहोवा का नाम नहीं त्यागा।

यह अय्यूब की गवाही थी।

पतरस मृत्युपर्यंत परमेश्वर से प्रेम करने में सक्षम रहा।

जब उसने अपनी मृत्यु का सामना किया, तब भी उसने परमेश्वर से प्रेम किया,

जब उसे क्रूस पर चढ़ाया गया, तब भी उसने परमेश्वर से प्रेम किया।

उसने अपनी संभावनाओं पर विचार नहीं किया

या सुंदर आशाओं अथवा निरंकुश विचारों का अनुसरण नहीं किया,

और केवल परमेश्वर से प्रेम करने और

परमेश्वर की समस्त व्यवस्थाओं के प्रति समर्पण करने का प्रयास किया।

इससे पहले कि यह माना जा सके कि तुमने गवाही दी है,

इससे पहले कि तुम ऐसा व्यक्ति बन सको जिसे जीते जाने के बाद पूर्ण बना दिया गया है,

तुम्हें यह स्तर हासिल करना होगा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, विजय के कार्य की आंतरिक सच्चाई (2)

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