338  इंसान वो नहीं रहा जैसा परमेश्वर चाहता है

हज़ारों बरस लगे हैं इंसान को वहाँ पहुँचने में जहाँ वो आज है।

बहुत पहले मगर पतन हो चुका है उस इंसान का,

मूल रूप से जैसा परमेश्वर ने उसे बनाया था।


1

परमेश्वर के अस्तित्व में भरोसा नहीं इंसान को,

न स्वागत करता वो उसके आगमन का।

बेमन से मानता है वो उसके अनुरोध को,

साझा नहीं करता उससे ज़िंदगी के ग़म और ख़ुशियों को सच में।

चूँकि अगम्य मानते हैं लोग परमेश्वर को,

मजबूरन मुस्कराते हैं देखकर उसे, ख़ुशामदी रवैया अपनाते हैं उसके लिये,

क्योंकि लोग न परमेश्वर के काम को जानते हैं न उसकी इच्छा को।

मानवता नहीं वो जो चाहता है परमेश्वर।

"मानवता" शब्द का हकदार नहीं इंसान।

ऐसा नीच है इंसान जिसे बंदी बनाए हुए है शैतान,

चलती-फिरती लाश है वो जिसमें रहता है शैतान।


2

ईमानदारी से कहेगा परमेश्वर, वक्त आने पर,

आराधना करता है जो उसकी, उससे कम तकलीफ़ें उठाएगा वो

जितनी तकलीफ़ें उठानी पड़ेंगी तुम लोगों को।

चूँकि अय्यूब या फ़रीसियों से आस्था कम है तुम्हारी,

इसलिये, जब आग का दिन आएगा,

भयानक होंगे कष्ट तुम्हारे उन फ़रीसियों, अगुवाओं से ज़्यादा,

विरोध किया था मूसा का जिन्होंने और,

तबाही के वक्त सदोम से भी ज़्यादा।

मानवता नहीं वो जो चाहता है परमेश्वर।

"मानवता" शब्द का हकदार नहीं इंसान।

ऐसा नीच है इंसान जिसे बंदी बनाए हुए है शैतान,

चलती-फिरती लाश है वो जिसमें रहता है शैतान।

मानवता नहीं वो जो चाहता है परमेश्वर।

"मानवता" शब्द का हकदार नहीं इंसान।

ऐसा नीच है इंसान जिसे बंदी बनाए हुए है शैतान,

चलती-फिरती लाश है वो जिसमें रहता है शैतान।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, एक वास्तविक व्यक्ति होने का क्या अर्थ है से रूपांतरित

पिछला:  337  मूल इंसान आत्मा युक्त सजीव प्राणी थे

अगला:  339  क्या ये दुनिया तुम्हारी आरामगाह है?

संबंधित सामग्री

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger