549 मसीह व्यावहारिक परमेश्वर है
1 परमेश्वर के वचनों में जीवन-सामर्थ्य है, वे हमें वह मार्ग देते हैं जिस पर हमें चलना चाहिए और हमें यह अच्छी तरह से समझने में सक्षम बनाते हैं कि सत्य वास्तव में क्या है। हम उसके वचनों से आकर्षित होने लगते हैं, हम उसके बोलने के लहजे और तरीके पर ध्यान देने लगते हैं, और हम इस आसानी से न दिखने वाले व्यक्ति के हृदय की वाणी पर अवचेतन रूप से ध्यान देने लगते हैं। वह हमारे लिए पूरे दिल से अपने दिमाग को मथ डालता है, हमारे लिए नींद और भूख त्याग देता है, हमारे लिए रोता है, आहें भरता है, हमारे लिए बीमारी में कराहता है; वह हमारे गंतव्य और उद्धार के लिए अपमान सहता है; और हमारी संवेदनहीनता और विद्रोहशीलता के कारण उसका हृदय खून और आँसू बहाता है। ऐसा अस्तित्व और चीजें किसी साधारण व्यक्ति में नहीं हो सकती हैं, न ही ये किसी भ्रष्ट मनुष्य में हो सकती हैं या वह उन्हें हासिल कर सकता है। उसमें ऐसी सहनशीलता और धैर्य है जो किसी साधारण मनुष्य में नहीं होता है और उसके जैसा प्रेम भी किसी सृजित प्राणी में नहीं होता है।
2 उसके अलावा कोई भी हमारे समस्त विचारों को नहीं जान सकता, या हमारी प्रकृति और सार को अपनी हथेली के पीछे की तरह भली-भाँति नहीं जान सकता, या मानवजाति की विद्रोहशीलता और भ्रष्टता का न्याय नहीं कर सकता, या इस तरह से स्वर्ग के परमेश्वर की ओर से हमसे बातचीत या हम पर कार्य नहीं कर सकता। उसके अलावा किसी में परमेश्वर का अधिकार, बुद्धि और गरिमा नहीं है; उसमें परमेश्वर का स्वभाव और परमेश्वर का अस्तित्व और चीजें अपनी संपूर्णता में प्रकट होती हैं। उसके अलावा कोई हमें मार्ग नहीं दिखा सकता या हमारे लिए प्रकाश नहीं ला सकता। उसके अलावा कोई भी उन रहस्यों को प्रकट नहीं कर सकता, जिन्हें परमेश्वर ने सृष्टि के आरंभ से अब तक प्रकट नहीं किया है। उसके अलावा कोई हमें शैतान के बंधन और हमारे भ्रष्ट स्वभावों से नहीं बचा सकता।
3 वह परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करता है; वह संपूर्ण मानवजाति के प्रति परमेश्वर के हृदय की वाणी, परमेश्वर के प्रोत्साहनों और परमेश्वर के न्याय के वचनों को व्यक्त करता है। उसने एक नया युग, एक नया काल आरंभ किया है, और वह एक नए स्वर्ग और पृथ्वी और नए कार्य में ले गया है, और वह हमारे लिए आशा लेकर आया है और उसने उस जीवन पर विराम लगा दिया है जो हम अस्पष्ट स्थिति में बिता रहे थे, और इस प्रकार उसने हमारे संपूर्ण अस्तित्व को उद्धार के मार्ग को पूरी स्पष्टता से देखने में सक्षम बनाया है। उसने हमारे संपूर्ण अस्तित्व को जीत लिया है और हमारे हृदय को प्राप्त कर लिया है। उस क्षण से हमारे दिल जागरूक हो गए हैं, और हमारी आत्माएँ पुनर्जीवित हो गई लगती हैं : क्या यह साधारण, महत्वहीन व्यक्ति, जो हमारे बीच रहता है और जिसे हम इतने लंबे समय से ठुकराते आए हैं—प्रभु यीशु नहीं है; जो सोते-जागते हमेशा हमारे विचारों में रहता है और जिसके लिए हम रात-दिन लालायित रहते हैं? यह वही है! यह वास्तव में वही है! यह हमारा परमेश्वर है! यह सत्य, मार्ग और जीवन है!
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 4 : परमेश्वर के प्रकटन को उसके न्याय और ताड़ना में देखना