184  सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरा दिल तुम्हारा ही है

1

किसका वचन है मधुरतम, करता पोषित मेरी आत्मा को?

किसका प्रेम है सबसे सुंदर, और किसने लिया है मेरा दिल?

किसका कार्य है सबसे अद्भुत, जो शुद्ध करे मनुष्य की भ्रष्टता को?

कौन देता है मुझे महान उद्धार, और लाता है मुझे सिंहासन के पास?

कौन मनुष्य को बचाने को सत्य व्यक्त करे, कौन मुझे फिर से रोशनी देखने दे?

कौन है वो सबसे प्यारा इंसान, जिसे मैं हर क्षण याद करूँ?

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरे प्रिय, तुम मेरे दिल में हो।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरे प्रिय, मेरा दिल तुम्हारा ही है।


2

छः हजार सालों से तुमने किया है मानवता का प्रबंधन,

कभी न रोका अपना काम।

लोगों को हासिल करने के लिए आज फिर से किया देहधारण।

बादलों के बीच भरते हो गहरी आहें, मनुष्य की भ्रष्टता है इतनी गहरी।

बैठकर स्वर्ग में, देख रहे तुम लोगों के चाल-चलन।

लोगों के बीच चलते हो और उनसे मेलजोल करते हो,

संसार के कष्टों का अनुभव करते हो तुम।

तुम बोलते, कार्य करते हो,

तुमसे जो प्रेम करते उन्हें अपने दिल के खून से पूर्ण बनाते हो।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरे प्रिय, तुम मेरे दिल में हो।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरे प्रिय, मेरा दिल तुम्हारा ही है।


3

परमेश्वर में विश्वास करके लोगों को अंत में क्या मिलना चाहिए?

परमेश्वर का ज्ञान व सत्य की प्राप्ति।

कौन-सी तकलीफ सबसे सार्थक है?

जो मनुष्य के स्वभाव में बदलाव लाती है।

जीवन में कौन सा मार्ग कामयाबी देता है? परमेश्वर से प्रेम का पतरस का मार्ग।

परमेश्वर के लिए किस तरह का प्रेम सबसे सच्चा है?

पूरे दिल और मन से उसकी परवाह करना।

तुम आशा करते कि लोगों का जीवन स्वभाव बदले

और तुम उन्हें प्राप्त कर सको।

तुम्हें संतुष्ट करने, तुम्हारे दिल को सुकून देने को जो बन पड़े वो करूँगा।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरे प्रिय, तुम मेरे दिल में हो।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरे प्रिय, मेरा दिल तुम्हारा ही है।

पिछला:  183  एक उड़ाऊ पुत्र की घर वापसी

अगला:  185  परमेश्वर ने मुझे बहुत प्रेम दिया है

संबंधित सामग्री

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger