287 जिनके पास सच्चा विश्वास होता है उन्हीं को परमेश्वर की स्वीकृति मिलती है
1 जब मूसा ने चट्टान पर प्रहार किया, और यहोवा द्वारा प्रदान किया गया पानी उसमें से बहने लगा, तो यह उसकी आस्था के कारण ही था। जब दाऊद ने—आनंद से भरे अपने हृदय के साथ—यहोवा की स्तुति में वीणा बजाई, तो यह उसकी आस्था के कारण ही था। जब अय्यूब ने पहाड़ों में भरे अपने पशु और संपदा के अनगिनत ढेर खो दिए, और उसका शरीर पीड़ादायक फोड़ों से भर गया, तो यह उसकी आस्था के कारण ही था। जब वह यहोवा की वाणी सुन सका, और उसकी महिमा देख सका, तो यह उसकी आस्था के कारण ही था।
2 पतरस अपनी आस्था के कारण ही यीशु मसीह का अनुसरण कर सका था। वह जो मेरे वास्ते सलीब पर चढ़ाया जा सका और महिमामयी गवाही दे सका, तो यह भी उसकी आस्था के कारण ही था। जब यूहन्ना ने मनुष्य के पुत्र की महिमामयी छवि देखी, तो यह उसकी आस्था के कारण ही था। जब उसने अंत के दिनों का दर्शन देखा, तो यह सब और भी ज्यादा उसकी आस्था के कारण था। अन्यजाति-राष्ट्रों के तथाकथित जनसाधारण ने मेरा जो प्रकाशन प्राप्त कर लिया है, और वे जान गए हैं कि मैं मनुष्यों के बीच अपना कार्य करने के लिए देह में लौट आया हूँ, यह भी उनकी आस्था के कारण ही है। वे सब जो मेरे कठोर वचनों द्वारा मार खाते हैं और फिर भी उनसे सांत्वना पाते हैं और बचाए जाते हैं—क्या उन्होंने ऐसा अपनी आस्था के कारण ही नहीं किया है? क्या उन्होंने ऐसा अपनी आस्था के कारण ही नहीं किया है?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, विजय के कार्य की आंतरिक सच्चाई (1)