664  दुख से भर जाते हैं दिन परमेश्वर के बिन

1

जब समझे न कोई नियति को, या समझे न परमेश्वर के प्रभुत्व को,

जब कोई जानबूझकर टटोलते हुए आगे बढ़े, धुंध में लड़खड़ाये,

तो सफ़र बेहद मुश्किल हो जाता है, सफ़र इंसान का दिल तोड़ देता है।


दुख से भर जाते हैं दिन परमेश्वर के बिन।

अगर कोई स्वीकार ले सृष्टिकर्ता के प्रभुत्व को,

समर्पित हो जाये उसकी व्यवस्थाओं को, और खोजे सच्चे मानव जीवन को,

तो वो हो सकता है मुक्त व्यथा से, हो सकता है मुक्त अपने दुखों से,

पीछा छुड़ा सकता है ज़िंदगी के ख़ालीपन से,

पीछा छुड़ा सकता है ज़िंदगी के ख़ालीपन से।


2

जब किसी के संग परमेश्वर न हो, जब कोई उसे न देख सके,

जब कोई उसके प्रभुत्व को पहचान न पाये,

हर दिन दुखों से भरा हो, हर दिन बेमानी हो।

कोई कहीं भी हो या कुछ भी करता हो,

उसके जीने के साधन और लक्ष्य कुछ भी हों,

जब किसी के संग परमेश्वर न हो,

तो अंतहीन कष्टों और दुखों से पीछा छुड़ा नहीं सकता वो।


दुख से भर जाते हैं दिन परमेश्वर के बिन।

अगर कोई स्वीकार ले सृष्टिकर्ता के प्रभुत्व को,

समर्पित हो जाये उसकी व्यवस्थाओं को, और खोजे सच्चे मानव जीवन को,

तो वो हो सकता है मुक्त व्यथा से, हो सकता है मुक्त अपने दुखों से,

पीछा छुड़ा सकता है ज़िंदगी के ख़ालीपन से,

पीछा छुड़ा सकता है ज़िंदगी के ख़ालीपन से।


3

जब अपनी नियति पर परमेश्वर के प्रभुत्व को पहचान पाता है इंसान,

तो इसे जानता, स्वीकारता है समझदार इंसान,

और अलविदा कहता है उन दुख भरे दिनों को

जब अपने हाथों से एक अच्छी ज़िंदगी बनाने की कोशिश करता था इंसान।

अब अपनी नियति से लड़ेगा नहीं,

और तथा-कथित लक्ष्यों के पीछे भागेगा नहीं इंसान।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III से रूपांतरित

पिछला:  663  मनुष्य की पीड़ा कैसे उत्पन्न होती है?

अगला:  665  सत्य से प्रेम करने वाले ही परमेश्वर की संप्रभुता को समर्पित हो सकते हैं

संबंधित सामग्री

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

Connect with us on Messenger